आखिर क्यों गौला मजदूर उत्थान समिति के पदाधिकारी द्वारा लिया गया हाई कोर्ट जाने का फैसला,पढ़े खबर

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मोटाहल्दू । गौला मजदूर उत्थान समिति के पदाधिकारियों की मोटाहल्दू में आयोजित बैठक में वाहन स्वामियों ने खनन वाहनों में स्टोन क्रशरों द्वारा भाड़े में की जा रही कमी एवं ओवरलोड को देखते हुए न्यायालय की शरण लेने का निर्णय लिया। उत्थान समिति के अध्यक्ष रमेश जोशी ने कहा कि विगत दिनों उपजिलाधिकारी को वाहनों के 108 कुंतल वजन को लेकर ज्ञापन दिया गया था, परंतु इसके बावजूद वजन कम करने की कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे हताश होकर वाहन स्वामियों ने न्यायालय की शरण लेने का निर्णय लिया है।

प्रधान शंकर जोशी ने कहा कि गौला एवं नन्धौर नदी में स्वीकृत सत्र 2023-24 में उप खनिज लक्ष्य की पूर्ति होने के उपरांत अतिरिक्त उप खनिज लक्ष्य न दिया जाए। सचिव इंद्र सिंह नयाल ने कहा कि स्टोन क्रशर संगठन ने उपजिलाधिकारी के सामने न्यूनतम रेट 29 रुपए 50 पैसे देने का लिखित में आश्वासन दिया था, 23 जनवरी को नदी चली और छह अप्रैल तक स्टोन क्रशरों ने छह रुपये भाड़ा गिरा दिया है। जिसके चलते अब वाहन स्वामियों को जेब से पैसा लगाना पड़ रहा है। वाहन स्वामियों ने एक राय से निर्णय लिया कि अब वाहन स्वामी न्यायालय जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे। बैठक में अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, सचिव इंद्र सिंह नयाल, प्रभारी रमेश कंडपाल, कैलाश भट्ट सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

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चौशाली बने नंन्धौर खनन मजदूर उत्थान समिति के प्रभारी

मोटाहल्दू। इसके अलावा सर्वसम्मति से नंन्धौर नदी के वाहन स्वामियों को मजबूत करने के लिए वहां के वाहन स्वामी खष्टी दत्त चौशाली को नंन्धौर खनन मजदूर उत्थान समिति का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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