हल्द्वानी। खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर भाजपा ने तराई को साधने की कोशिश की है। दरअसल, पिछले दो विधानसभा चुनावों में ऊधमसिंह नगर की 9 विधानसभा सीटों में से भाजपा के सर्वाधिक 8-8 विधायक विधानसभा पहुंचे थे। लेकिन, पिछले साल शुरू हुये किसान आंदोलन के बाद जिले में असंतोष बढ़ता नजर आने लगा था। ऐसे में तराई से सीएम की घोषणा करने की भाजपा की इस पहल को किसान बहुल जिले की सीटों पर कब्जा बनाये रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
ऊधमसिंह नगर जिले में लगातार दो विधानसभा चुनावों में भाजपा का कब्जा रहा है। 2012 और फिर 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यहां आठ-आठ विधानसभा सीटें जीतीं, जबकि दोनों ही बार कांग्रेस को महज एक-एक सीट हासिल हुयीं। खुद नये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार दो बार खटीमा से विधायक चुने गये हैं। इसी तरह काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा लगातार चुनाव जीतते रहे हैं, रुद्रपुर में राजकुमार ठुकराल को जनता पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता तिलकराज बेहड़ पर तवज्जो देती रही।
उधर, किच्छा में राजेश शुक्ला ने तो अपने दूसरे चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत को रिकॉर्ड मतों से शिकस्त दी। लगातार जीत के चलते चलते ऊधमसिंह नगर जिले को एक तरह से भाजपा के गढ़ के तौर पर देखा जाने लगा था। लेकिन, पिछले साल केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में शुरू हुये किसान आंदोलन ने इस धारणा को कुछ कमजोर किया।