*बरसाती आपदा से क्षतिग्रस्त बिलासपुर में टूटी सिंचाई नहर का तत्काल मरम्मत कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की मांग*

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भीमताल क्षेत्र में बरसात की आपदा से बुरी तरह प्रभावित सिंचाई नहर की हालत फिर से जर्जर हो गई है। बिलासपुर, नौलधारा, वार्ड 3 एवं वार्ड 4 के किसान वर्षों से इस नहर के जीर्णोद्धार की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब भी समस्या जस की तस बनी हुई है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से नहर के ‘हेड से लेकर ट्रेल’ तक पूर्ण जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने की मांग की है, ताकि किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी निर्बाध पहुंच सके, साथ ही फिरहाल बिलासपुर समीप टूटी नहर को तत्काल ठीक कर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया जाए। भीमताल नगर पंचायत से नौकुचियाताल तक जाने वाली लगभग 5 किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर पिछले कई वर्षों से किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। इस नहर पर गाद-मिट्टी जमा हो गई है, झाड़ियां उग आई हैं और कई जगहों पर यह पूरी तरह टूट चुकी है। बरसात की भारी तबाही के बाद नहर का हाल और भी खराब हो गया है, जिससे बिलासपुर के आस-पास के क्षेत्रों, रामा ग्रुप रोड से नौलधारा की ओर जाने वाले रास्तों पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा। नौकुचियाताल तक नहर का अंतिम हिस्सा भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है, जिसके कारण क्षेत्र के कई किसान परिवार बड़ी परेशानी की मार झेल रहे है।लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। अब बरसात के बाद फिर वही समस्या है,”भगत किसानों ने शिकायत की तो सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाया है। उन्होंने बताया अब तक पूर्व में उनके द्वारा दो बार सिंचाई विभाग के बड़े आला अधिकारियों को नहर का दौरा कराया गया और किसानों की परेशानियों से उन्हें प्रत्यक्ष अवगत कराया गया। इसके बाद विभाग ने नहर के उन हिस्सों की जहां पानी रुकने की समस्या अधिक थी, वहां अस्थायी मरम्मत की और बिलासपुर आगे किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने की कोशिश की किन्तु शासन से नहर के लिए बड़ा बजट पास नहीं हो सका, लेकिन अब फिर बरसात की आपदा ने सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया। बृजवासी ने विभागीय अधिकारियों से अपील की है कि नहर के ‘हेड से ट्रेल’ तक पूर्ण जीर्णोद्धार के लिए स्टीमेट तैयार कर शासन को तत्काल भेजा जाए। “समय पर धन की स्वीकृति हो ताकि किसानों को आगे सिंचाई की कोई कमी न हो। यह नहर क्षेत्र की जीवनरेखा है,” उन्होंने कहाँ। सिंचाई विभाग के सूत्रों के अनुसार, नहर की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, लेकिन बरसात के कारण कार्य में देरी हो रही है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। किसान संगठनों ने भी इस मुद्दे पर जिला प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि क्षेत्र के सैकड़ों किसान परिवारों को राहत मिल सके।यह समस्या न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है, बल्कि क्षेत्र की कृषि उत्पादकता पर भी बुरा असर डाल रही है। यदि समय रहते जीर्णोद्धार नहीं हुआ, तो आने वाले रबी मौसम में और अधिक नुकसान हो सकता है। स्थानीय निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि शासन स्तर पर जल्द कार्यवाही हो और नहर को पुनर्जीवित किया जाए।🙏

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