दून घाटी जनसंघर्ष समिति ने शनिवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी परिषद के साथ कचहरी स्थित “शहीद स्मारक” में शहीद आंदोलनकारियों को को श्रद्धांजलि दी. जिसके बाद दून घाटी जनसंघर्ष समिति ने “दून डायलॉग” अभियान का शुभारंभ किया। बता दें इस अभियान का उद्देश्य दून घाटी का संरक्षण और दून घाटी को पहले की तरह बेहतर करना है।
दून घाटी जनसंघर्ष समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की आज देहरादून ने अपनी पुरानी चमक खो दी है एक समय पहले देहरादून अपनी लीची, बसंती चावल, चाय बागान व अन्य बेहतरीन चीज़ों के लिए जाना जाता था, लेकिन आज देहरादून में जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। देहरादून आज भारत में टॉप 10 प्रदूषित शहरों में आता है. फिर भी सरकार ने दून घाटी अधिसूचना 1989 को निष्क्रिय कर दिया है जिसकी रक्षा के लिए मैंने PMO को पत्र दिया है।
जल्द लिए जाएंगे जनता के सुझाव
थापर ने कहा इस पत्र के क्रम में प्रधान मंत्री कार्यालय हस्तक्षेप के बाद MoEF ने अभी अग्रेतर कार्यवाही रोक दी है. रोज दून डायलॉग के जरिये दून व आस पास के क्षेत्रों में आम जनता को हो रही समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे. आने वाले समय में दून घाटी जनसंघर्ष समिति द्वारा हस्ताक्षर अभियान व विभिन्न जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से आम जनता को इस मुहीम से जोड़ा जाएगा और सभी दूनवासियों के साथ मिलकर इस मुहीम को आगे बढ़ाएंगे