

देहरादून। पाखरो रेंज घोटाले के मामले में ईडी ने मुख्य आरोपी किशनचंद, बृज बिहारी शर्मा व अन्य की लगभग 1.75 करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क की है। ईडी की जांच में दावा है कि यह संपत्तियां आरोपियों की पत्नी और बेटों के नाम पर खरीदी गई थीं। कुर्की की कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत हुई है।
ईडी के अनुसार मुख्य आरोपी किशनचंद उस समय कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन (देहरादून) के तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी थे। उन्होंने पाखरो रेंज के तत्कालीन वन रेंजर बृज बिहारी शर्मा, अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों व ठेकेदारों के साथ मिलकर कॉर्बेट नेशनल पार्क में कई अवैध संरचनाओं का निर्माण कराया। यह निर्माण संबंधित प्राधिकारी की अनुमति के बिना किए गए जिससे भारी राजस्व नुकसान हुआ।आरोप है कि इस आपराधिक गतिविधि से जुटाए गए रुपयों से अचल संपत्तियों को खरीदा गया।ये संपत्तियां बृज बिहारी शर्मा की पत्नी राजलक्ष्मी शर्मा और आरोपी किशनचंद के बेटे अभिषेक कुमार सिंह व युगेंद्र कुमार सिंह के नाम पर खरीदी गई थीं। ये संपत्तियां हरिद्वार जिले और उत्तर प्रदेश के बिजनौर में स्थित हैं।
ज्ञात हो कि यह मामला कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों की कटान कर अवैध निर्माण से जुड़े एक बड़े घोटाले का हिस्सा है। जांच में वन विभाग के कई अधिकारियों और ठेकेदारों के नाम सामने आ चुके हैं जिन पर नियमों का उल्लंघन कर निर्माण कार्य करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप हैं। एजेंसी का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। ईडी भारतीय दंड संहिता, वन संरक्षण अधिनियम, वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच कर रही है।
मामले की जांच और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की धीमी गति पर सुप्रीम कोर्ट नाराजगी जता चुका है।मामले में जल्द कार्रवाई के निर्देश हैं। उस दौरान खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाया था। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले जांच एजेंसी ने कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है। आने वाले समय में कुछ और गिरफ्तारियां या संपत्तियों की कुर्की हो सकती है।