विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण एंव सुरक्षित सम्पन्न कराना हम सभी का दायित्व है। यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी एंव जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने राजकीय महाविद्यालय में मतदान कार्मिकों हेतु आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 113 पीठासीन अधिकारियों तथा 244 मतदान अधिकारी प्रथम को प्रशिक्षण दिया गया, जबकि प्रशिक्षण कार्यक्रम में 9 पीठासीन अधिकारी व 12 मतदान अधिकारी प्रथम अनुपस्थित रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने अनुपस्थित कार्मिकों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 के कारण निर्वाचन प्रक्रिया में कोविड-19 से सम्बन्धित गाइड लाईनों का भी अनुपालन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वायरस से सुरक्षा हेतु मतदान स्थलों पर पूरी व्यवथस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी टीम भावना से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्वाचन में लगे सभी कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि निर्वाचन के इस पर्व में आप सबको शामिल होने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्य में लापरवाही की कोई भी गुंजाईश नही होती है, इसलिए निर्वाचन कार्य को पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता व समयबद्ध तरीके से सम्पन्न कराने के साथ ही किसी का आतिथ्य स्वीकार न करें और अपने-अपने आचरण को स्वतंत्र निष्पक्ष एवं राजनीतिक पार्टी व व्यक्ति विशेष से तटस्थ बनाना सुनिश्चित करें।
उन्होने निर्देशित करते हुए कहा सभी कार्मिक अपने कार्यों व दायित्वों में पूर्ण दक्षता हासिल करें ताकि मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होने कहा कि पीठासीन अधिकारी, पीठासीन अधिकारी की डायरी का भली-भॉति अध्ययन कर लें। उन्होंने सभी कार्मिको को पूरी विनम्रता एवं शालीनता से अपने दायित्वों का निर्वहन करने तथा दिव्यांग मतदाताओं को मतदान के दिन किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखने को कहा। उन्होने कहा कि पीठासीन अधिकारी मतदान के दिन पीठासीन अधिकारी की डायरी को अवश्य भरें। उन्होंने सभी कार्मिको को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण में सिखाई जा रही सभी बारीकियों को गहनता से आत्मसात करें तथा किसी भी प्रकार की समस्या या जिज्ञासा हो तो उसका भी समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर नियमानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी नियम की विवेचना अपने विवेकानुसार कतई न करें, यदि किसी नियम या विषय पर कोई समस्या हो तो अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए समाधान कराना सुनिश्चित करें।