सरकार ने अदाणी समूह से पूर्व निर्धारित दर 2.83 रूपए के बजाए 8.83 रूपए प्रति यूनिट बिजली खरीदी, ऊर्जा मंत्री ने किया स्वीकार

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गांधीनगर। गुजरात सरकार के ऊर्जा मंत्री कनु देसाई ने विधानसभा में एक सवाल के जबाव में कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अडाणी समूह की बिजली कंपनी अडाणी पावर से संशोधित दरों पर 8,160 करोड़ रुपये मूल्य की बिजली खरीदी गई।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने अडाणी पावर से बिजली खरीद 2.83 रुपये प्रति यूनिट की पूर्व-निर्धारित दर के बजाय 8.83 रुपये प्रति यूनिट की संशोधित पर की।

गुजरात सरकार के ऊर्जा मंत्री कनु देसाई ने यह आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक हेमंत अहीर द्वारा कल पूछे गए एक सवाल के जबाव में विधानसभा में कहा कि सरकार ने कंपनी से वर्ष 2021-22 में 1,159.6 करोड़ यूनिट बिजली 8,160 करोड़ रुपये में खरीदी।

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उन्होंने बताया कि बिजली खरीद की दर को मासिक आधार पर संशोधित कर 8.83 रुपये प्रति यूनिट किया गया जो पहले 2.83 रुपये प्रति यूनिट थी ।

देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में अडाणी पावर के साथ बिजली खरीद का 25 साल का समझौता किया था। यह खरीद समझौता 2.89 रुपये और 2.35 रुपये प्रति यूनिट की स्तरीकृत दर पर हुआ था।

उन्होंने कहा कि आयातित कोयले की कीमत बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने कंपनी के साथ ऊर्जा खरीद समझौते के अंतर्गत बिजली दरों में बढ़ोतरी की।
देसाई ने कहा, “अडाणी पावर की परियोजना कोयला आधारित होने से इंडोनेशिया से आयात हो रहे कोयले की कीमतें अचानक बढ़ने से पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नहीं कर पा रही थी। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की। सरकार ने एक दिसंबर, 2018 को संकल्प में समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद बिजली खरीद दरों में वृद्धि को कुछ संशोधन करते हए मंजूरी दे दी।”

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इसके अनुसार, अडाणी पावर के साथ एक अनुपूरक समझौता पांच दिसंबर, 2018 को किया गया, जिसे केंद्रीय बिजली नियामक आयोग ने 12 अप्रैल, 2019 को एक आदेश जारी करते हुए मंजूरी दे दी।

उन्होंने कहा कि अडाणी पावर के साथ बिजली खरीद दरों में एक और संशोधन वर्ष 2021 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमतें बढ़ने पर किया गया।

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उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोयले के दाम काफी बढ़ जाने से आयातित कोयले पर निर्भर अधिकांश बिजली संयंत्र क्षमता से काम नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार ने इन संयंत्रों को पूरी क्षमता से उत्पादन करने का निर्देश दिया था।

गुजरात के वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की बिजली जरूरतों को सभी संभव स्रोतों से पूरा करने के लिए मेरिट ऑर्डर के सिद्धांत के तहत अडाणी पावर की मुंद्रा परियोजना से समुचित बिजली खरीदी गई थी।

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