राज्य सरकार जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। बिजली के बिल में सब्सिडी का निर्णय राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे राज्य के नागरिकों पर वित्तीय बोझ कम होगा और ऊर्जा के उचित उपभोग को प्रोत्साहन मिलेगा। पर्वतीय हिमाच्छादित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को विशेष रूप से राहत मिलेगी
पुष्कर सिंह धामी,
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
राज्य के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान करने के सम्बन्ध में,
उपरोक्त विषयक निगम के पत्र संख्या-5885/ प्र०नि० / उपाकालि/V-2 दिनांक 18. 09.2024 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके माध्यम से मा० मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड द्वारा दिनांक 16 सितम्बर, 2024 को की गयी घोषणा के क्रम में राज्य के ारेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान करने के सम्बन्ध में प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है।
उक्त सम्बन्ध में सम्यक विचारोपरान्त लिए गए निर्णय के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उत्तराखण्ड राज्य में विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी निम्नानुसार प्रदान की जायेगी-
i. हिम-आच्छादित क्षेत्र (Snow bound area) के घरेलू श्रेणी के ऐसे विद्युत उपभोक्ता
जिनका मासिक विद्युत उपभोग 200 यूनिट तक है, को लागू विद्युत दरों (विद्युत कर सहित) में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जायेगी। हिम-आच्छादित क्षेत्र (Snow bound area) का निर्धारण प्रचलित नियमों के अनुसार सम्बन्धित क्षेत्र की समुद्र तल से ऊंचाई के आधार पर करते हुए ही योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा। ii. अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के ऐसे उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 1 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है, को विद्युत दरों
(विद्युत कर सहित) में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
iii. उक्त सब्सिडी 01 सितम्बर, 2024 से की गई विद्युत खपत पर अनुमन्य होगी। iv. उक्त सब्सिडी उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि०, पावर ट्रान्समिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि० एवं उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम लि० के सेवारत / सेवानिवृत्त कार्मिकों तथा पारिवारिक पेंशनरों को निर्गत विभागीय विद्युत
संयोजन पर अनुमन्य नहीं होगी। v. विद्युत टैरिफ में सब्सिडी का लाभ एक परिवार को एक ही विद्युत कनेक्शन पर
दिया जायेगा तथा यूपीसीएल द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि यो सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने हेतु उपभोक्ताओं द्वारा बिना किसी उच्चि उनके पूर्व से स्थापित विद्युत संयोजन की क्षमता को कम करने अथवा अधिक विद्युत संयोजन में परिवर्तित करने का प्रयास न किया गया हो।