गौला का रौला ख़तम, सरकारी दावे बेदम । क्षेत्रीय विधायक श्रेय लेने में आगे फिर भी नतीजा जीरो

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हल्दुचौड़ : कुल मिलाकर जब तक गोला नदी में खनन कार्य चल रहा था सभी लोग अपने-अपने दावे पेश कर रहे थे कोई भी नेता अपने को पीछे नहीं होने देना चाह रहा था यहां तक की क्षेत्रीय विधायक भी लोगों में वाहवाही लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अगर कोई काम हो गया तो वहां पर विधायक के द्वारा कराया गया यह बात उनके समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया में इस तरीके से प्रोपेगेंडा मचाया जा रहा था कि विधायक द्वारा कार्य किया गया मगर धरातल पर देखा गया गौला नदी में आज गेट बंद होने का नोटिस चस्पा कर दिया गया जबकि शासन ने 30 जून तक गोला नदी में चुगान कार्य कराया जाना निश्चित हुआ है।

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बीच में 2 दिन गोला नदी बंद होने से गोला खनन में लगे हुए मजदूर अपने गांव को पलायन कर रहे हैं, अगर जल्दी से शासन द्वारा यह निर्णय नहीं लिया गया तो गोला खनन में लगे हुए सारे श्रमिक यहां से पलायन कर जाएंगे सरकार के नुमाइंदों को यह चाहिए कि समय रहते अगर एक दिन में गोला नदी में खनन कार्य नहीं किया जाएगा तो सरकार के साथ मोटर वाहन स्वामियों को भी इसका खामियाजा भुगताना पड़ेगा। कोई भी अधिकारी से बात करने पर या तो कोई टेलीफोन नहीं उठाता है और या गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ देता है। क्या वाकई में गोला नदी मैं खनन कार्य बंद हो गया है अगर हो गया तो जिन लोगों ने गाड़ियां सरेंडर करनी है उनको किस तरीके से गाड़ियां सरेंडर करनी है क्योंकि कार्यक्रम को देखते हुए लगता है सरकार को गोला नदी से कोई फायदा नहीं है नहीं तो यह दिक्कत नहीं आती। क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट से बात होने के बाद उन्होंने कहा कि मैं जल्दी ही इस बारे में सरकार और अधिकारियों से बात करूंगा एक-दो दिन में निर्णय निकल जाएगा

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