उत्तराखंड के बीजेपी नेता और पौड़ी के नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम की पुत्री की एक मुसलमान युवक से शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है. पौड़ी के पूर्व विधायक बेनाम की पुत्री मोनिका की शादी 28 मई को यूपी के अमेठी के पुरेबाज गांव निवासी मोहम्मद मोनिस से होनी है. इस कार्यक्रम के लिए उनकी पत्नी उषा रावत की ओर से मेहमानों को न्यौता भेजा जा रहा है .इस संबंध में बेनाम या उनके परिजनों ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया ।
सोशल मीडिया पर पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका अध्यक्ष व पूर्व विधायक यशपाल बेनाम की बेटी की शादी का कार्ड अचानक वायरल हो गया। सामान्य सा शादी का कार्ड था लेकिन कार्ड पर यशपाल बेनाम की बेटी के दूल्हे का नाम देखकर यह सोशल मीडिया पर ट्रैंड कर गया। यशपाल बेनाम की बेटी और पेशे से इंजीनियर मोनिका की शादी अमेठी निवासी मोनिस से हो रही है।
बताया जा रहा है दोनों ने साथ में ही इंजीनियरिंग की और अब शादी के पवित्र बंधन में बंध रहे हैं। लेकिन, यह बात लोगों को रास नहीं आ रही है। असल में लोग दुल्हा बन रहे मोनिस के नाम से प्रतिकिर्या जता रहे है। मुस्लिम परिवार के मोनिस और हिंदू राजपूत परिवार की बेटी मोनिका की शादी का यह कार्ड कट्टरपंथियों की आंखों में खटकने लगा।और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर खूब लानत मलानत का खेल शुरू हो गया। कुछ ही घंटों में इस कार्ड के साथ ट्वीटर पर हजारों ट्वीट किए गए तो फेसबुक पर भी यह खूब वायरल हुआ। कुछ लोग इसे ‘लव जिहाद’ का नाम दे रहे हैं तो कुछ लोग इस कार्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर भी सवाल उठा रहे हैं। असल में यशपाल बेनाम भाजपा से जुड़े हुए हैं।
हालांकि परिवार के करीबी लोगों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कहा कि पौड़ी के निकट घुड़दौड़ी में हशवन नामक रिजॉर्ट में विवाह समारोह होगा. इसमें आमंत्रित मेहमानों की सूची में बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के अलावा प्रदेश के अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हैं .
मिली जानकारी के अनुसार, मोनिका और मोनिस लखनऊ में किसी विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान संपर्क में आए. इस शादी को लेकर बेनाम को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किए जाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि विवाह तो ठीक है, लेकिन इसे सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए इस तरह कार्ड छपवाकर लोगों की भावनाएं आहत करना ठीक नहीं है.
पौड़ी के गौसेवा आयोग के सदस्य धर्मवीर गुसाईं ने कहा, ”आज भी उत्तराखंड में छोटी धोती (छोटे ब्राह्मण) और बड़ी धोती (बड़े ब्राह्मण) का बहुत महत्व है. ऐसी शादी को सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए इस प्रकार का आयोजन अशोभनीय और निंदनीय है.’ उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में यह इस तरह पहला मामला है कि जिसमें राजनीतिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह कार्ड के जरिये निमंत्रण भेज रहा है.
गौरतलब है कि बेनाम पहले कांग्रेस में थे और 2003 में पहली बार नगर पालिका पौड़ी के अध्यक्ष बने. वर्ष 2007 में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर वह पौड़ी से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़े और विधायक बने. वर्ष 2013 में वह पुनः नगर पालिका अध्यक्ष बने और वर्तमान में वह भाजपा नेता के तौर पर तीसरी बार नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं.
इस बीच, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पार्टी के संज्ञान में ऐसा कोई मामला अभी नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा जबरन धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ का हर हाल में विरोध करती है.
हिंदुत्ववादी संगठनों की माने तो एक विशेष अभियान के तहत मुस्लिम युवक हिंदू युवतियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनसे विवाह करते हैं और फिर उनका धर्म परिर्वतन करवा लेते हैं। लिहाजा पौड़ी गढ़वाल के नगर पालिका अध्यक्ष की पुत्री के विवाह का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग इसे लव जिहाद को प्रोत्साहित करने का षडयंत्र करार देने लगे। हालांकि, शादी के इस मामले में दोनों परिवारों की रजामंदी साफ देखी जा रही है इसके बावजूद भी धर्म और संस्कृति के ठेकेदारों ने इस मुद्दे को बेहद संवेदनशील बना दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ लव जिहाज को लेकर आक्रामक रूख में दिखने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता की बेटी का मुस्लिम युवक से विवाह पर विपक्षी नेता भी खूब तंज कस रहे हैं।