उत्तराखंड में बाघ की मूवमेंट से दहशत, अब ट्रैप कैमरों से रखी जाएगी नजर

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टनकपुर : बीते दिनों उचौलीगोठ की महिला पर हमला करने वाले बाघ की मूवमेंट कैद करने के लिए वन विभाग ने बूम रेंज के नघान वन क्षेत्र में चार कैमरा ट्रैप लगा दिए हैं। गुरुवार को विभाग की टीम जंगल में घटनास्थल पर पहुंची और विभिन्न स्थानों पर कैमरा ट्रैप लगाए। विभागीय टीम लगातार इन कैमरों के जरिये बाघ की गतिविधि पर नजर रखेगी।

मंगलवार को साथी महिलाओं के साथ जंगल में चारा लेने गई उचौलीगोठ गांव की 35 वर्षीय गीता देवी पर बाघ ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया था। इस हमले में गीता की जान बच गई थी, लेकिन घटना के बाद से ही लोगों ने हमलावर बाघ को पकड़ने की मांग शुरू कर दी।

कैमरे लगाकर ढूंढे जा रहे हैं टाइगर
बूम रेंज के रेंजर गुलजार हुसैन ने बताया कि रेंज के नघान क्षेत्र में बाघ की गतिविधियों को कैद करने के लिए गुरुवार को चार कैमरा ट्रैप लगा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग की टीम लगातार बाघ की मूवमेंट पर नजर बनाएगी। जरूरत पड़ी तो बाघ को कैद करने के लिए पिंजरा भी लगाया जाएगा। इधर ग्रामीणों ने बाघ को पिंजरे में कैद करने की मांग तेज कर दी है।

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दहशत में रह रहे हैं ग्रामीण
महिला मंगल दल अध्यक्ष चंचला महर, रेनू महर, माया महर, संगीता आदि ने कहा है कि बाघ के हमले के बाद से ही क्षेत्र में भय का माहौल पैदा हो गया है। उन्होंने वन विभाग से बाघ को पिंजरे में कैद करने की मांग की है। ग्रामीणों ने सड़क किनारे उगी झाड़ियों का कटान करने, बूम से लेकर पूर्णागिरि मार्ग तक स्ट्रीट लाइटें लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि बाघ की सक्रियता पैदल मां पूर्णागिरि धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरा बन सकती है।

पीड़िता के उपचार को दी आर्थिक सहायता
बाघ के हमले में घायल उचौलीगोठ निवासी गीता देवी के उपचार के लिए वन विभाग ने 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी है। रेंजर गुलजार हुसैन ने बताया कि स्वजन को विभाग की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से बाघ के हमले में घायल पीड़ित को 10 से 50 हजार रुपये तक की सहायता दी जाती है।

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गुलजार को पकड़ने के लिए लगाए गए कैमरे
जिला मुख्यालय से लगे छह गांवों में गुलदार के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग सक्रिय हो गया है। वन विभाग ने गुलदार प्रभावित इलाकों में ट्रैप कैमरे लगा दिए हैं। वहीं वन विभाग की टीम ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही गुलदार के मूवमेंट पर नजर रख रही है। जिला मुख्यालय से लगे तड़ीगांव, मड़ खड़ायत, भूनीगांव, घुंसेरा गांव आदि क्षेत्रों में विगत कुछ समय से गुलदार का आतंक बना हुआ है।

अलर्ट पर वन विभाग
गुलदार अभी तक छह से अधिक पालतू जानवरों को अपना शिकार बना चुका है। कई इलाकों में दिनदहाड़े गुलदार दिखाई दे रहा है। इससे ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद हो जा रहे हैं। इन इलाकों में गुलदार के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग अलर्ट हो गया है।

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गश्त पर है वन विभाग की टीम
वन क्षेत्राधिकारी पूरन सिंह देऊपा ने बताया कि विभागीय टीम गुलदार प्रभावित इलाकों में लगातार गश्त कर रही है। साथ ही घर-घर जाकर ग्रामीणों को जागरूक कर कर रही है। ग्रामीणों को गुलदार से बचाव के उपाय और सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। उन्होंने बताया कि गुलदार की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं।

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