अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर ऋषभ पंत का पैतृक गांव पाली आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है। यहां के ग्रामीण लंबे समय से सड़क के निर्माण की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि ऋषभ पंत कई सालों से गांव नहीं आए हैं अगर वह एक बार गांव आ जाएं तो सड़क भी बन जाएगी। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को बीमार और बुजुर्गों को डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाना पड़ता है।
क्रिकेटर ऋषभ पंत गंगोलीहाट विकासखंड के भेरंग पट्टी के पाली गांव के रहने वाले हैं। तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर भेरंग पट्टी के पाली गांव के लोग ऋषभ पंत के घर आने की राह देख रहे हैं। दशाईथल, आंवला घाट सड़क से दो किमी ढलान में बसे पाली गांव के अधिकतर परिवार सड़क नहीं होने के कारण गांव छोड़ चुके हैं।
वर्तमान में गांव में सिर्फ 28 परिवार रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऋषभ पंत एक बार गांव आ जाए तो उनके गांव के लिए सड़क भी आ जाएगी। ऋषभ पंत के चचेरे भाई चंद्रशेखर पंत कहते हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम का सदस्य गांव में आएंगे तो प्रशासनिक अधिकारी से लेकर सीएम तक उनके गांव के विकास की ओर ध्यान देंगे।
चचेरी भाभी भावना पंत और पुष्पा पंत कहती हैं कि सड़क मार्ग तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है। यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे सड़क तक पहुंचाने में काफी दिक्कतें होती हैं।
चचेरी ताई भगवती पंत कहती हैं कि ऋषभ पंत का पुश्तैनी मकान जगह-जगह टूटने लगा है। लंबे समय से ऋषभ पंत का परिवार ईष्ट देव की पूजा के लिए भी गांव नहीं आया। उन्हें एक बार गांव आकर इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए और अपने पुश्तैनी मकान की मरम्मत भी करनी चाहिए।
क्रिकेटर ऋषभ पंत के गांव के लिए स्पेशल कंपोनेंट प्लान (एससीपी) के तहत दो किमी सड़क स्वीकृत है। जल्द सड़क का निर्माण कार्य किया जाएगा।
फकीर राम टम्टा, विधायक गंगोलीहाट