


लालकुआं
- माले कार्यकर्ताओं ने मजदूर दिवस मनाया
- 20 मई की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल और ग्रामीण बंद का समर्थन
भाकपा माले कार्यकर्ता अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (मई दिवस) मनाने के लिए दीपक बोस भवन के सम्मुख इकट्ठा हुए। माले नेताओं ने कहा कि, मई दिवस मजदूरों के खून-पसीने, संघर्षों और बलिदानों का दिन है। 1 मई 1886 को शिकागो में मज़दूरों ने 8 घंटे काम के दिन के लिए संघर्ष किया था। गोलियां चलीं, मजदूर शहीद हुए, लेकिन उनकी शहादत ने पूरी दुनिया को बदल डाला। पूरे विश्व की सरकारों को आठ घंटे के कार्य दिवस को मंजूरी देनी पड़ी। मई दिवस अमर रहे, मई दिवस के शहीदों को लाल सलाम, मजदूर विरोधी श्रम कोड वापस लो, इंकलाब जिंदाबाद, फासीवाद के नारों के प्रदर्शन किया गया।
भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य संजय शर्मा ने मई दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, मोदी सरकार ने पुराने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके 4 नए श्रम कोड लागू किए हैं।
इनका असली मकसद है मज़दूर यूनियनों को कमजोर करना, काम के घंटे 12 घंटे तक बढ़ाना, छंटनी और ठेका प्रथा को आसान बनाना, पूंजीपति कॉरपोरेट को पूरी ताक़त देना, मज़दूर को बेबस बना देना इसलिए ये श्रम कोड सुधार नहीं, यह मजदूरों की गुलामी का दस्तावेज है यह मोदी सरकार का मजदूरों के शोषण का खुला ऐलान है। यह सरकार मजदूरों पर दोहरा हमला कर रही है एक ओर मेहनतकशों का रोज़गार छीना जा रहा है, दूसरी ओर जनता को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है।
अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि, मोदी सरकार के आने के बाद हमारे देश में असमानता बढ़ी है। पिछले दस वर्षों के दौरान गरीबी में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह असमानता मोदी सरकार की नीतियों के चलते हुई है। इसके चलते व्यापक किसान मजदूर समुदाय बदहाली का शिकार हुआ है।
भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, आज हम यहां ऐसी स्थिति में मई दिवस मना रहे हैं जब श्रमिकों के जुझारू संघर्षों और कुर्बानियों से हासिल अधिकारों को मोदी सरकार द्वारा उलटा जा रहा है। पूरे प्राकृतिक और सार्वजनिक संसाधनों को पूंजीपति वर्ग को खुले आम दिया जा रहा है। देश की सरकारी संपत्ति बेची जा रही है और गरीबों को अतिक्रमणकारियों बता कर उजाड़ा जा रहा है। मजदूर वर्ग आज सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है। आज मई दिवस के उस संघर्ष, शहादत के बदौलत प्राप्त अधिकारों को छीना जा रहा है, मजदूर विरोधी श्रम कोड को हमपर लादे जा रहे हैं। अपने पूर्वजों की शहादत को याद करते हुए हमें आज के दौर में संघर्षों को औऱ भी धारदार बनाने की जरूरत है।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और फेडरेशनों द्वारा 20 मई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल और ग्रामीण बंद का समर्थन किया गया। इसको सफल बनाने के लिए भाकपा माले पूरी ताकत से जुटेगी।
मई दिवस कार्यक्रम में मुख्य रूप से संजय शर्मा, आनंद सिंह नेगी, डा कैलाश पाण्डेय, विमला रौथाण, पुष्कर दुबड़िया, गोविन्द सिंह जीना, ललित मटियाली, चन्दन राम, धीरज कुमार, निर्मला शाही, डी एस मेहरा, त्रिलोक राम, विशाल गौतम, भवान सिंह मेहरा, बहादुर राम, मंगला देवी आदि शामिल रहे।
डा कैलाश पाण्डेय
जिला सचिव
भाकपा माले नैनीताल