मंत्रियों के पास विभाग नहीं, विपक्ष के पास नेता नहीं

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आज से उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र शुरु हो रहा है। प्रदेश की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी और राज्यपाल गुरमीत सिंह का ये पहला विधानसभा सत्र है।

आपको बता दें कि इस विधानसभा सत्र में इस बार कई अनोखे काम होने जा रहे हैं। भाजपा सरकार में न तो पूरे मंत्री हैं और जो हैं उनके पास विभाग नहीं है। जी हां, दरअसल उत्तराखंड सरकार में 11 मंत्री बनाये जा सकते हैं लेकिन केवल 8 मंत्री ही बनाये गये हैं। विधानसभा चलाने के लिए केवल प्रेमचंद्र अग्रवाल को संसदीय कार्य मंत्री का कार्यभार सौंपा गया है बाकी के 7 मंत्री अभी बिना विभाग के हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि विधानसभा में कोई प्रश्न पूछा जायेगा तो उसका जबाव कौन देगा।

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वहीं, कांग्रेस भी अभी तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। ऐसे में विपक्ष भी नेता शून्य है। ऐसे में जब विपक्ष का नेतृत्व ही नहीं है तो सदन में विपक्ष की ओर से कौन सरकार के कार्याे पर सवाल उठायेगा।

लगता है कि उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र महज खानापूर्ति होकर रह जायेगा।

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