वाराणसी: भाजपा नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर वाराणसी संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव की कमान अपने हाथ में लेने आ रहे हैं। वह 2014 से लगातार वाराणसी सीट की चुनावी शुरुआत करते आ रहे हैं। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
मोदी के संसदीय कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए अमित शाह 24 अप्रैल को आएंगे। वह उद्घाटन के बाद बूथ लेवल के पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इसके माध्यम से कार्यकर्ताओं को गतिशील करने और उत्साह भरने का कार्य होगा। अमित शाह यह कार्य चुनाव दर चुनाव करते आ रहे हैं। 2014 में वह उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे।
जब यह तय हो गया कि नरेन्द्र मोदी यहां से चुनाव लड़ेंगे तो उसके बाद अमित शाह यहां आए और कार्यकर्ताओं को गतिशील करने का कार्य किया। इससे चुनाव में गति तो आई लेकिन उस समय आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के मैदान में आने के बाद भाजपा का प्रचार अभियान कम प्रभावी था। इसके बाद अमित शाह एक बार फिर मोदी के नामांकन के पहले आए।
उन्होंने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को बुलाकर उत्साह बढ़ाने के साथ तल्ख रवैया भी अपनाया। परिणाम यह हुआ कि मोदी जब मलदहिया चौराहे से नामांकन के लिए चले तो कचहरी तक जनसैलाब उमड़ पड़ा। भीड़ का आलम यह था कि मोदी को मलदहिया से कचहरी नामांकन स्थल पहुंचने में तीन घंटे से अधिक का समय लग गया।
परिणामस्वरूप पूरे चुनाव की हवा बदल गई और मोदी रिकार्ड मतों से विजयी हुए। यही हाल 2019 में रहा अमित शाह न केवल मोदी के केंद्रीय चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया बल्कि पूरे चुनाव की रणनीति के केंद्र में रहे। एक बार फिर वह मोदी के केंद्रीय चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने आ रहे हैं। इस बार जीत नहीं बल्कि रिकार्ड जीत का पार्टी का लक्ष्य है। ऐसे में अमित शाह का यह आगमन महत्वपूर्ण है।
पूर्वांचल में जाएगा संदेश
इस बार भी छठे और सातवें चरण में पूर्वांचल में चुनाव है। अभी तक कोई भी बड़ा नेता सभा नहीं किया है। पहली बार अमित शाह आ रहे हैं। ऐसे में अमित शाह के आगमन का संदेश आसपास के क्षेत्र तक जाएगा। भाजपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी इसके बाद पूरी तरह से मैदान में उतर जाएंगे। अमित शाह अपना नामांकन कर चुके हैं। उनका चुनाव चौथे चरण में है। ऐसे में वह जल्दी ही अपनी संसदीय सीट से खाली भी हो जाएंगे।