सांसदों को आखिर मिल ही गया काम, मिली हारी हुईं 23 विधानसभा सीटों पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी

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भाजपा ने कांग्रेसमुक्त उत्तराखंड लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रदेश के अपने सांसदों को हारी हुईं 23 विधानसभा सीटों पर कमल खिलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए राज्य के पांच लोकसभा और तीन राज्यसभा सांसदों को काम पर लगने को कहा गया है।

पार्टी ने कांग्रेसमुक्त उत्तराखंड का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य के अपने सभी सांसदों की चुनावी दृष्टि से कमजोर विधानसभा सीटों को लेकर जिम्मेदारी तय की है। सभी सांसदों को पार्टी की ओर से निर्धारित विधानसभा क्षेत्रों में संगठन और जनता से जुड़े अधिक से अधिक कार्यक्रमों में शामिल होने को कहा गया है।

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हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर व खानपुर विधानसभा जबकि गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को बदरीनाथ व द्वाराहाट विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है। टिहरी सांसद रानी माला राजलक्ष्मी शाह को यमुनोत्री और अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को लोहाघाट, धारचूला, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा की जिम्मेदारी दी गई है।

केंद्रीय मंत्री व नैनीताल सांसद अजय भट्ट को खटीमा, नानकमत्ता व किच्छा विधानसभा में अपनी जनसक्रियता से पार्टी के लिए समर्थन को बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।

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मंगलौर, भगवानपुर, पिरान कलियर और बाजपुर विधानसभा और अनिल बलूनी को और प्रताप नगर, चकराता व हल्द्वानी की जिम्मेदारी दी गई है। सांसद कल्पना सैनी को लक्सर, झबरेड़ा व जसपुर विधानसभा में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

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