

लालकुआं
- बार बार घोषणा के बाद भी बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने में देरी क्यों धामी सरकार जवाब दो : बहादुर सिंह जंगी
- आवारा गोवंश की समस्या का स्थाई समाधान करे सरकार
बिंदुखत्ता राजस्व गांव पर राज्य सरकार की वादे से मुकरने की नीति के खिलाफ और आवारा गोवंश के दंश को झेल रही जनता की समस्या के स्थाई समाधान के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन के समक्ष अपनी मांगों को रखने के लिए अखिल भारतीय किसान महासभा बिंदुखत्ता कमेटी द्वारा आगामी 18 जून को रैली आयोजित की जाएगी, जिसकी तैयारी हेतु आज से जन अभियान शुरू किया गया। जन अभियान पूरे बिंदुखत्ता में चलाया जाएगा।
अभियान की शुरुआत करते हुए किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, बिंदुखत्ता की जनता के लंबे जन संघर्ष के बाद बिंदुखत्ता राजस्व गांव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों को राजस्व गांव बनाने की बात करने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद बिंदुखत्ता राजस्व गांव के नाम पर यहां की जनता के हाथ निराशा ही लगी है। भाजपा के लालकुआं विधायक श्री मोहन सिंह बिष्ट लगातार राजस्व गांव की फाइल कंप्लीट होने और उसके तहत जल्द राजस्व गांव की घोषणा करने का दंभ भर रहे हैं लेकिन अभी तक राजस्व गांव पर कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। जनता को यह बताया जा रहा है कि सारे प्रस्ताव, फाइल सबके सब तैयार हैं लेकिन सब कुछ होने के बाद भी राजस्व गांव की अधिसूचना जारी क्यों नहीं की जा रही है यह जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। यह दर्शाता है कि पर्दे के पीछे कुछ और खेल चल रहा है, ऐसा लगता है कि अपने 5 साल की विधायकी के कार्यकाल को लालकुआं विधायक जनता को इसी भ्रम में डालकर बिता देना चाहते हैं। लेकिन बिंदुखत्ता की जनता राजस्व गांव पर हर बार की तरह सरकारी ठगी का शिकार होने के लिए तैयार नहीं है।”
भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, भाजपा बार बार अफवाह उड़ा रही है कि बिंदुखत्ता राजस्व गांव पर “सारी सरकारी प्रक्रिया” पूरी हो चुकी है, तो फिर राज्य की भाजपा सरकार तत्काल राजस्व गांव की प्रक्रिया शुरू क्यों नहीं कर रही इसका जवाब राज्य के मुख्यमंत्री और लालकुआं विधायक को जनता के समक्ष देना चाहिए अन्यथा की स्थिति में जनता के पास बड़ी जन एकता के साथ एक बड़े जन आंदोलन में उतरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।”
वरिष्ठ नेता पुष्कर दुबड़िया, किशन सिंह बघरी, गोविन्द जीना ने कहा कि, यह सरकार पशुधन से हमें बेदखल कर, पशुधन को भी कारपोरेट के हवाले करना चाहती है जिससे आने वाले भविष्य में डेरी, मांस, चमड़ा उद्योग पर पूरा नियन्त्रण और मनमाना फायदा कारपोरेट (पूंजीपतियों) का हो। आवारा गोवंश की यह परेशानी सरकार लेकर आई है इसलिए इसके सम्पूर्ण नुकसान की जिम्मेदारी सरकार की है। इसलिए सरकार को चाहिए पशुपालकों, किसानों व आमजन के पक्ष में निर्णय लेकर गोवंश की सरकारी कीमत निर्धारित कर सरकारी खरीद की गारंटी करे और गौशालाओं को रखरखाव के लिए प्रति पशु दिए जा रहे पारितोषिक और चारे – भवन निर्माण के लिए दी जा रहीं सब्सिडी को पशुपालकों को प्रदान करे, गोवंश द्वारा किये गए हमलों या दुर्घटनाओं में घायलों को ₹10 लाख व मृतकों के परिजनों को ₹50 लाख मुवावजा प्रदान करे, आवारा गाय बैलों के कारण खेतों में खड़ी फसल नष्ट होने का किसानों को समुचित मुआवजा दे।
किसान नेताओं ने बिंदुखत्ता की संघर्षशील जनता से अपील की कि बिंदुखत्ता राजस्व गांव तत्काल बनाए जाने और आवारा गोवंश की समस्या के स्थाई समाधान के लिए 18 मई 2025 को होने जा रहे विशाल चेतावनी प्रदर्शन में बढ़ चढ कर शामिल हों ।
कार्यक्रम: 18 जून 2025 (बुधवार) को सुबह 10 बजे शहीद स्मारक, जड़ सेक्टर, कार रोड में एकत्र होकर जनसभा के पश्चात लालकुआं तहसील तक जुलूस और ज्ञापन दिया जाएगा।
अभियान शुरू करने वालों में किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी, माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, भाकपा (माले) बिंदुखत्ता एरिया सचिव पुष्कर दुबड़िया, किशन बघरी, गोविन्द सिंह जीना, निर्मला शाही, हरीश भंडारी, बिशन दत्त जोशी, आइसा जिला अध्यक्ष धीरज कुमार आदि शामिल रहे।