वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह याचिका हाईकोई में राखी सिंह व अन्य की तरफ से दाखिल की गई थी।
याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की। इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि श्रृंगार गौरी केस में जब तक वाराणसी जिला अदालत का फैसला नहीं आ जाता तब तक परिसर में गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोक दिया जाए और ज्ञानवापी परिसर में मिले हिंदू प्रतीक चिन्हों को संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए। हालांकि रोक लगाने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया है।
विवादित स्थल पर था भव्य मंदिर
वहीं जनहित याचिका में कहा गया था कि वाराणसी में श्री आदि विश्वेश्वर मंदिर के सदियों पुराने अवशेषों
को बचाना है। दावा किया गया था कि विवादित स्थल पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था, जहां भगवान शिव ने स्वंय ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।
औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट किया
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार सन् 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट किया था। कहा जाता है कि उक्त मंदिर को नष्ट करने के बाद मुसलमानो ने अनाधिकृत रूप से मंदिर परिसर में अतिक्रमण किया और एक संरचना बनाई जो कि कथित ज्ञानवापी मस्जिद हैं