शिमला। हिमाचल प्रदेश में पिछले चार दिनों से भारी बारिश और लैंडस्लाइड का कहर बरकरार है। विभिन्न हादसों अब तक 71 लोगों की मौत हो चुकी है। बादल फटने की वजह से सैंकड़ों घर बर्बाद हो गए हैं। कई स्थानों पर अब भी बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं। कांगड़ा, मंडी, चंबा में बाढ़ से हालात बेहद खराब हैं। सेना, एयरफोर्स, NDRF, SDRF रेस्क्यू में जुटी है। वायुसेना बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू करने में जुटी हुई है। शिमला का सबसे पॉश एरिया हिमलैंड को डेंजर जोन घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु खुद कह रहे हैं कि इस आपदा में जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई करने में एक साल लग जाएगा।
शिमला में आज भी बंद रहेंगे स्कूल
उधर, हिमाचल के शिमला में शहरी और ग्रामीण में 17 अगस्त को सभी स्कूल और ऑगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। शिमला में लगातार हो रही लैंडस्लाइडिंग की वजह से फ़ैसला लिया गया है। हालांकि हिमाचल के बाक़ी ज़िलों में आज से स्कूल खुल जाएंगे। भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के चलते स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया ।
54 दिनों में ही 742 मिलीमीटर बरसा पानी
हिमाचल में मानसून के 54 दिनों में ही 742 मिलीमीटर पानी बरस चुका है, जो जून से 30 सितंबर के बीच मौसम की औसत बारिश 730 मिलीमीटर की तुलना में अधिक है। मौसम विभाग के मुताबिक जुलाई में बारिश ने पिछले 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि मनाली, सोलन, रोहड़ू, ऊना, घमरूर, हमीरपुर और केलोंग शहरों ने नौ जुलाई को महीने में एक दिन में बारिश के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस दिन राज्य में अभूतपूर्व बारिश दर्ज की गई थी।
चार दिनों में 223 मिलीमीटर बारिश
मौसम विभाग के मुताबिकहिमाचल प्रदेश में सात से 10 जुलाई तक चार दिनों में 223 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो इसी अवधि में औसत बारिश 41.6 मिलीमीटर से चार गुना से भी अधिक है। रविवार से राज्य में मूसलाधार बारिश का दूसरा दौर चल रहा है। अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में मानसून कमजोर हो जाएगा और 25 अगस्त को फिर सक्रिय होने की संभावना है। इस मौसम में राज्य के कई हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की जा रही