उत्तराखंड में मंगलौर और बद्रीनाथ सीट के चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस आगामी कार्यक्रमों के लिए और एक्टिव नजर आ रही है कांग्रेस पार्टी आने वाली चुनौतियों से निपट सके उसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठकों का दौर लगातार जारी है। वहीं सियासी गलियारों में संगठन में बड़े फेर बदल की भी चर्चाएं भी तेज हो गई है।
लोकसभा चुनाव में हार के बाद एक तरफ जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा तो वही उपचुनाव जीतने के बाद उतनी ही ऊर्जा कांग्रेस पार्टी में दिखाई दी है। यही कारण है की उपचुनाव में जीत के बाद अब कांग्रेस का अगला मिशन निकाय और केदारनाथ विधानसभा में उपचुनाव है। इसके लिए पार्टी ने चुनावी रणनीति बनाने शुरू कर दी है।
दिल्ली में नेताओं के साथ बैठक पर बैठक की जा रही है। उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी एवं सांसद शैलजा कुमारी ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर एकजुट होकर संगठन को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। कई बैठकों के बाद आज फिर दिल्ली में उत्तराखंड के विधायक मंडल के साथ अहम बैठक होने जा रही है। जिसमें 20 विधायक, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, समेत तमाम नेता मौजूद रहेंगे।
क्या होने जा रहा है संगठन में बड़ा बदलाव ?
संगठन में फेरबदल की चर्चाओं पर प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने पूरी तरह से रोक लगाते हुए कहा दिल्ली में प्रभारी कुमारी शैलजा संगठन की मजबूती और आगामी चुनाव के लिए बैठक ले रही है। आने वाले निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव और उपचुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है और इसी के मद्देनजर ये सारी बैठक हो रही है। संगठन अभी किसी प्रकार का कोई बदल नही हो रहा है।
भाजपा ने भी कांग्रेस पर कसा तंज
सियासी गलियारों में संगठन फेरबदल की चर्चाएं तेज होने के बाद भाजपा ने भी कांग्रेस पर तंज कसा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने पार्टी में चल रहे अंतर कलह को इसका कारण बताया है और साथ ही केदारनाथ यात्रा के दौरान नेताओं के बीच नोक झोंक की बात भी बैठकों का कारण बताया है। उन्होंने कहा पार्टी कभी जनता के हित के लिए कार्य नही करती है। कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहते हुए भी जनता के लिए कभी काम नहीं कर पाई और सत्ता के बाहर भी जनता के मुद्दे नहीं उठा पाती।