रामनगर-निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड सीमा जौनसारी एवं एस०सी०ई०आर०टी० के संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत द्वारा रामनगर क्षेत्र के विद्यालयों का किया निरीक्षण और दिये निर्देश।।

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रामनगर – निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड सीमा जौनसारी एवं एस°सी°ई°आर°टी° उत्तराखण्ड देहरादून के संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत द्वारा रामनगर क्षेत्र के विद्यालयों का निरीक्षण किया गया।

निदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा राइका गुलरघट्टी एवं राइका गौजानी रामनगर में छात्रों की वास्तविक प्रगति आख्या का आकलन किया गया तथा आफलाइन व ऑनलाइन मोड में पढ़ रहे छात्रों की वास्तविक जानकारी भी ली। साथ ही उन्होंने अध्यापकों द्वारा ऑनलाइन ह्वाट्सएप एवं गूगल/ जूम एप के साथ साथ ‘पीएम ई विद्या’ के माध्यम से पढ़ाई कर रहे छात्रों की संख्या की भी जानकारी ली एवं किस प्रकार कोरोना के इस कठिन दौर में सरकारी विद्यालयों में अध्यनरत निर्धन छात्रों के अधिगम स्तर को सुधारा जा सके इस पर शिक्षकों को अनेक टिप्स भी दिये।

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यहाॅ तक कि उन्होंने ऑनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों के मोबाइल के ह्वाट्सअप ग्रुप भी चेक कर उनको सभी छात्रों के प्रगति स्तर को जानकर उनका फीडबैक लेने को कहा। जिन अभावग्रस्त छात्रों के पास मोबाइल/ कम्पूटर या अन्य कोई तकनीकी साधन नहीं हैं और वो कोरोना के चलते स्कूल आ पाने में भी असमर्थ हैं उनको भी एससीईआरटी के द्वारा तैयार की गई ‘वर्कशीट’ तथा शिक्षक द्वारा स्वयं तैयार की गई वर्कशीट के माध्यम से शिक्षण कराने के निर्देश दिये।

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एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि घर पर ही पढ़ रहे छात्रों को टीवी पर चल रहे ‘पीएम ई विद्या प्रोग्राम’ के माध्यम से भी छात्रों को शिक्षा दी जाय एवं इस संबंध में शिक्षकों को अधिक से अधिक छात्रों को इस प्रोग्राम की जानकारी देने को कहा गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी वंदना रौतेला ने कहा कि ब्लाक स्तर पर ‘पीएम ई विद्या प्रोग्राम’ के सफल संचालन हेतु नोडल शिक्षकों को भी नामित किया गया है तथा ‘प्रवेशोत्सव’ के तहत सरकारी विद्यालयों में छात्र नामांकन बढ़ाने हेतु प्रत्येक विद्यालय को निर्देशित किया गया है। निदेशक ने शिक्षकों को निर्धारित समय के अनुसार मासिक / अर्धवार्षिक परीक्षा कराने के निर्देश भी दिये एवं प्रत्येक शिक्षक को अपने-अपने विषय में छात्रों की प्रगति रिपोर्ट को ‘शिक्षक डायरी’ में नोट करने तथा कमजोर छात्रों की प्रगति हेतु अलग से उपचारात्मक शिक्षण कराने को कहा गया। उन्होंने प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिये कि उनके द्वारा समय-समय पर शिक्षकों के शिक्षण कार्य व छात्र प्रगति की अवश्य समीक्षा की जाय।

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