अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार से केस को ट्रांसफर किए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। आर्य ने जिला कारागार चमोली के माध्यम से अदालत में यह प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। जिसे न्यायालय ने जिला एवं सत्र न्यायालय पौड़ी को भेज दिया है। जिस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय चौधरी की अदालत ने सुनवाई की तारीख 16 फरवरी नियत की है।
प्रार्थना पत्र में पुलकित आर्य ने कहा है कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार में मुझे निष्पक्ष न्याय नहीं मिलने की उम्मीद नहीं है। 20 अप्रैल 2022 को अदालत में खुशराज द्वारा स्वयं को अभिनव कश्यप का भाई बताते हुए गवाही दी। जबकि वास्तव में पुलिस ने एक महिला को पुरुष के वेश में खुशराज बताकर असली पहचान छुपा उसकी गवाही कराई। अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बोलने तक का मौका नहीं दिया गया। आर्य ने अंकिता के पिता पर न्यायालय परिसर में गवाही के लिए आते-जाते समय अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।
पत्र में पुलकित ने कहा, अदालत में धारा-302 से संबंधित कई मुकदमे लंबित हैं, लेकिन हमारे केस में जल्दी-जल्दी तारीख लगा दी जा रही है। पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में मुझ पर जानलेवा हमला किया गया। रिजॉर्ट तोड़ दिया गया। फैक्ट्री में आग लगा दी गई। मेरा सबकुछ बर्बाद कर दिया गया है।
अंकिता का कमरा तोड़कर साक्ष्यों को नष्ट करने का काम किया गया है, लेकिन शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया। पुलकित ने कहा, यह मेरे खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई की गई है। ऐसे में केस किसी अन्य सक्षम न्यायालय में ट्रांसफर किया जाए।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर ने बताया कि मुख्य आरोपी ने जिला कारागार चमोली के माध्यम से एडीजे कोर्ट में केस ट्रांसफर किए जाने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। इस पर 16 फरवरी को सुनवाई होगी।