रुद्रप्रयाग: गौरीकुंड (केदारनाथ) हाईवे से बदरीनाथ हाईवे को जोड़ने वाली रुद्रप्रयाग बाइपास परियोजना की सुरंग आकार लेने लगी है। परियोजना के तहत गौरीकुंड हाईवे पर लोनिवि कालोनी और बेलणी के पास पोखरी मोटर मार्ग से 50-50 मीटर सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो चुका है।
साथ ही अलकनंदा नदी पर बनने वाले आरसीसी मोटर पुल के लिए दोनों साइट से बुनियाद तैयार करने का कार्य भी जोरों पर है। यह पुल बाइपास को रुद्रप्रयाग से दो किमी आगे बदरीनाथ हाईवे से जोड़ेगा। लोनिवि एनएच सितंबर 2025 तक परियोजना का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है।
होना है 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण
यात्राकाल में रुद्रप्रयाग शहर को जाम से मुक्त करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने वर्ष 2003-2004 में रुद्रप्रयाग बाइपास के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। परियोजना के प्रथम चरण में तेजी से निर्माण कार्य हुआ, लेकिन दूसरे चरण के लिए बजट की स्वीकृत न होने के कारण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया।
परियोजना के तहत रुद्रप्रयाग शहर से एक किमी दूर गौरीकुंड हाईवे पर लोनिवि कालोनी के पास से रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी के पास तक 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है, जो अलकनंदा नदी पर बनने वाले 190 मीटर लंबे पुल के जरिये बदरीनाथ हाईवे से जुड़ेगी।
लंबे इंतजार के बाद वर्ष 2021 में परियोजना के दूसरे चरण के लिए 156 करोड़ के बजट को मंजूरी मिली और दिसंबर 2022 से लोनिवि एनएच ने बाइपास निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया। वर्तमान में बाइपास के दोनों छोर से सुरंग की खोदाई का कार्य चल रहा है। दोनों से सौ मीटर सुरंग की खोदाई हो पूरी चुकी है और अब शेष 800 मीटर की खोदाई होनी है।
ऐसे जाम से मुक्त होगा रुद्रप्रयाग शहर
बाइपास बनने के बाद केदारनाथ धाम से लौट रहे तीर्थयात्री रुद्रप्रयाग शहर के बजाय सीधे बदरीनाथ हाईवे पर पहुंचेंगे। अभी केदारनाथ से बदरीनाथ दर्शन को जाने वाले तीर्थ यात्रियों को वापस रुद्रप्रयाग शहर में आना पड़ता है। इसी तरह बदरीनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे तीर्थयात्री वर्तमान की तरह रुद्रप्रयाग शहर से होकर ऋषिकेश के लिए रवाना होंगे।
ऐसे में शहर में लगने वाले जाम से तो निजात मिलेगी ही, यातायात व्यवस्था में सुधार होने की भी उम्मीद है। विदित हो कि केदारनाथ जाने के लिए रुद्रप्रयाग से तीन किमी पहले जवाड़ी बाइपास का निर्माण हो चुका है, जो सीधे गौरीकुंड हाईवे पर लोनिवि कालोनी के पास खुलता है।
‘सुरंग की खोदाई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। अलकनंदा नदी पर पुल बनाने का कार्य भी शुरू हो चुका है। सितंबर 2025 तक परियोजना का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद रुद्रप्रयाग शहर पूरी तरह जाम से मुक्त हो जाएगा।’
-राजवीर सिंह चौहान, ईई, लोनिवि एनएच, रुद्रप्रयाग डिविजन