केंद्र से यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी, 10 साल बाद नौकरी छोड़ी तो हर महीने 10 हजार, 5 बिंदु में समझें

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पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन प्रदान करना है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। केंद्र सरकार के कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में से किसी एक को चुन सकेंगे। इसके अलावा मौजूदा केंद्र सरकार के NPS का लाभ पाने वालों के पास UPS में स्विच करने का विकल्प भी होगा। इतना ही नहीं, राज्य सरकारों के पास भी यूनिफाइड पेंशन स्कीन को अपनाने का ऑप्शन होगा। इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। इस स्कीम का भार कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा। यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा.

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5 बिंदु में समझते हैं क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम
सुनिश्चित पेशन: इस स्कीम के तहत 25 साल नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के पहले के आखिरी 12 महीने की बेसिक सैलरी के औसत का 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन के रुप में मिलेगा।

सुनिश्चित फैमिली पेंशन: अगर किसी कर्मचारी की नौकरी में रहते हुए मौत हो जाती है तो उसके परिवारक को 60 फीसदी पेंशन के रुप में मिलेगा।

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सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर कर्मचारी को 10,000 रुपये की मासिक न्यूनतम पेंशन मिलेगी।

महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ: यूपीएस के तहत कर्मचारियों को महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा।

एकमुश्त भुगतान: ग्रैच्युटी के अलावा रिटायरमेंट पर एकमुश्त रकम दी जाएगी। इसका कैल्कुलेशन कर्मचारियों को हर 6 महीने की सेव पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10 वें हिस्से के रुप में किया जाएगा। इस रकम से एम्पलॉई की एश्योर्ड पेंशन पर कोई असर नहीं होगा

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