उत्तराखंड-यहां हरेला पर्व पर बृहद पौधारोपण कार्यक्रम का किया आयोजन

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 हरेला पर्व के पावन अवसर पर वन विभाग के तत्वाधान में पंतक्वैराली मोटर मार्ग के समीप आरक्षित वन क्षेत्र बिलखेत में बृहद पौंधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि अध्यक्ष जिला पंचायत बसंती देव, नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, जिलाधिकारी विनीत कुमार, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, ब्लाक प्रमुख बागेश्वर पुष्पा देवी, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बगरी सहित जिला स्तरीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं क्षेत्रीय जनता ने प्रतिभाग कर पौंधरोपण किया गया। 
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कुमाऊॅ संस्कृति का लोक पर्व एवं हरियाली का प्रतीक हरेला की जनपदवासियों एवं प्रदेश वासियों को शुभकामनायें एवं बधार्इ दी। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व कुमाऊॅ संस्कृति का परम्परा का प्रतीक है, यह त्यौहार खुशहाली एवं स्मृद्धि तथा पर्यावरण संरक्षण व पर्यावरण के साथ जुड़ाव का प्रतीक है, जिसे लोग बड़े हर्षोंल्लास के साथ मनाते चले आ रहे है। इस दिन से श्रावण मास भी शुरू होता है तथा मान्यता यह भी है कि आज के ही दिन भगवान शिव एवं मॉ पर्वती का विवाह हुआ था, तथा क्षेत्रवासी खुशहाली के लिए 09 दिन पहले ही हरेला बोया जाता है जिसे आज के दिन सभी लोग एक दूसरे को इस हरेला को भेंट करते है तथा किसान अपनी खेती का भी कार्य शुरू करते है। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति को हरा भरा करने के लिए तथा उसके संरक्षण के लिए सभी को अधिक से अधिक पेड़ लगाने आवश्यक है।


 उन्होंने कहा कि आज हरेला पर्व को कोविड की थीम पर मनाये जाने का निर्णय लिया गया है जिसमें हैल्थ वर्कर एवं फ्रंट लार्इन वर्करों द्वारा कड़ी मेहनत एवं लगन के साथ कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभार्इ है जिन्हें धन्यवाद ज्ञापित करने तथा कोरोना महामारी के कारण मृत्यु हुयी लोगों के प्रति पेड़ लगाकर उन्हें नमन करते हुए श्राद्धांजलि दे रहे है, जिसके लिए वन क्षेत्र चिन्हित किया गया है, जिसमें आज सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा 500 पौध लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व के शुभ अवसर पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए इस पावन अवसर पर सभी को वृक्षारोपण करना आवश्यक है, ताकि चाल-खाल एवं पुराने जलस्रोत रिचार्ज हो सके तथा आने वाले भविष्य में जल संकट से बचाते हुए आने वाले भविष्य को सुनहरा बना सके। इस अवसर पर कोरोना संक्रमण के कारण काल के ग्रास हुये लोगों की आत्मा की शान्ती के लिए 02 मिनट का मौन रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। इससे पूर्व जिलाधिकारी द्वारा कलैक्ट्रेट परिसर में भी पौंध रोपण किया गया। 
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत बसंती देव ने जनपदवासियों को हरेला पर्व की बधार्इ एवं शुभकामनायें देते हुए कहा कि कुमाऊॅ संस्कृति का यह पौराणिक त्यौहार है जिसमें लोग पर्यावरण के संरक्षण एवं सुख स्मृद्धि के लिए पौंध रोपण कर इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को वर्तमान परीस्थिति को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं उसे हरा भरा करने के लिए सभी को पौंध रोपण करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों को जंगली जानवर नुकशान न पहुॅचायें इसके लिए हमें अधिक से अधिक फलदार पौंधों का रोपण करें ताकि जंगली जानवर अपने भोजन के लिए किसानों की फसलों का नुकशान न कर सके इसमें सभी ग्रामवासियों को अपना महत्वपूर्ण योगदान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से ही हम पर्यावरण का संरक्षण कर सकते है। 

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी के.एन.तिवारी, उप जिलाधिकारी काण्डा राकेश चन्द्र तिवारी, अपर परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ उदय शंकर, मुख्य कृषि अधिकारी बीपी मौर्य, जिला उद्यान अधिकारी आर के सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी देवेन्द्र नाथ गोस्वामी, अधि0अभि0 ग्रामीण निर्माण विभाग रमेश चन्द्रा, जल संस्थान एमके टम्टा, तहसीलदार नवाजिश खलिक, आपदा प्रबन्धन अधिकारी शिखा सुयाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष हरीश सोनी, ग्राम प्रधान वलना बिलखेत दया कृष्ण, ग्राम प्रधान पंतक्वैराली रमेश पाठक, पर्यावरण मित्र किशन सिंह मलड़ा, रमेश पर्वतीय सहित जनपदस्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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