पत्नी ने साक्षात भगवान बन पति को फोन कर कबूल जाने से रोका वरना आज हालत क्या होते सोच नहीं सकते- संजय

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देहरादून।यहां रहने वाले पूर्व सैनिक संजय गुरुंग को तीन अन्य दोस्तों के साथ 15 जुलाई को नई दिल्ली से काबुल रवाना होना था। सेना में 19 साल की सेवा के बाद गुरुंग काबुल की एक निजी सुरक्षा एजेंसी में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान जाने वाले थे।गुरुंग ने बताया कि सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने जनवरी से सितंबर 2012 तक इराक में एक निजी सुरक्षा एजेंसी में काम किया और फिर वे उसी काम के सिलसिले में अफगानिस्तान गए थे। अफगानिस्तान में 9 साल नौकरी करने के बाद इस साल जनवरी में वे वापस आए। दूसरी एजेंसी में ज्वाइन करने के लिए उनके साथ ही देहरादून के 14 अन्य पूरी सैनिकों को चुना गया था। सभी को 15 जुलाई को जाना था। टैक्सी से एयरपोर्ट जाते समय रास्ते में ही उनके पास पत्नी का फोन आया। पत्नी ने उनको काबुल जाने से रोका। उनकी मां ने भी उनको वापस आने को कहा। दोनो के आग्रह पर संजय ने अपनी यात्रा रद्द कर दी और उनके तीनों दोस्त काबुल चले गए।

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उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी ने साक्षात भगवान बनकर उनको फोन किया वरना आज उनकी हालत वे सोच भी नहीं सकते थे। उन्होंने बताया कि उनके तीनों दोस्तों के काबुल जाने के कुछ समय बाद ही अफगानिस्तान की हालत बिगड़ने लगी।जुलाई में दिल्ली स्थिति अफगान दूतावास से उनके 11 साथियों को पहले ही वीजा मिल गया था और वे अफगानिस्तान रवाना हो गए। गुरुंग समेत 4 अन्य लोगों को देर से वीजा मिला। 15 जुलाई की दोपहर 3 बजे गुरुंग तीनों साथियों के साथ नई दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट से रवाना होने वाले थे। फ्लाइट वाले दिन वे लोग एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए। कुछ दूरी पर उनकी पत्नी का फोन आ गया और उन्होंने गुरुंग को देहरादून लौटने को कहा। उनकी मां ने भी वापस आने को कहा। मां के आग्रह को देखते हुए वे नौकरी छोड़ देहरादून वापस चले गए और उनके तीनों दोस्त काबुल चले गए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जो भी कुछ हो रहा है वह बेहद भयावह है।

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वे खुद को बेशक खुशकिस्मत मानते हैं कि अफगानिस्तान जाने से ठीक पहले उनको उनकी पत्नी और मां ने वापस देहरादून बुला लिया। मगर इसी के साथ उनको काबुल में मौजूद अपने दोस्तों की चिंता भी खाए जा रही है। उनका कहना है कि वहां के हालात लगातार आंखों के सामने से गुजर रहे हैं और वे भगवान से बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके साथी को सही सलामत रहें सुरक्षित रहें और जल्द से जल्द अपने वतन वापस लौटें।

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