कई देशों में तेजी से फैल रहे मंकीपाक्स संक्रमण को लेकर राज्य का स्वास्थ्य महकमा भी अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस संदर्भ में एडवाइजरी जारी कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. शैलजा भट्ट ने मंगलवार को सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किए।
एडवाइजरी में कहा गया है कि जिन लोग में बुखार के साथ शरीर पर लाल चकते जैसे लक्षण दिखाई देते हों, वह तुरंत अपनी नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने पिछले 21 दिन में किसी ऐसे देश की यात्रा की है, जहां हाल ही में मंकीपाक्स के मामले मिले हैं, या फिर इस बीमारी के संदिग्ध मामलों की पहचान हुई है, वह भी चिकित्सक से जांच कराएं।
मंकीपाक्स से संक्रमित अथवा संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में आने वाले व्यक्ति भी अपनी जांच कराएं। सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि मंकीपाक्स के संदिग्ध मरीजों को चिन्हित अस्पतालों में तब तक पृथक (आइसोलेट) किया जाएगा, जब तक कि संबंधित व्यक्ति के सभी घावों पर त्वचा की नई परत नहीं बन जाती है। इलाज कराने वाले चिकित्सक के आइसोलेशन समाप्त करने का निर्णय लेने पर ही मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।
मंकीपाक्स के लक्षण वाले संदिग्ध मरीज आइडीएसपी (एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम) के जिला सर्विलांस अधिकारी की निगरानी में रहेंगे। संभावित संक्रमण की स्थिति में मंकीपाक्स वायरस की जांच के लिए सैंपल एनआइवी (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी) पुणे भेजे जाएं।
जांच रिपोर्ट पाजिटिव आने पर तुरंत कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने और पिछले 21 दिन में मरीज के संपर्क मे आए सभी व्यक्तियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि देश में अभी मंकीपाक्स का कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह अफ्रीका व यूरोप में इस बीमारी के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है।