बिंदुखत्ता के युवक को चरस तस्करी में 7 साल बाद 12 साल की कठोर सजा, कोर्ट ने ₹1.20 लाख जुर्माना भी लगाया

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लालकुआं। नैनीताल में एनडीपीएस कोर्ट ने 7 साल पुराने चरस तस्करी के मामले में बिंदुखत्ता निवासी राजेंद्र बोरा को दोषी ठहराते हुए 12 साल के कठोर कारावास और ₹1 लाख 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायाधीश संजीव कुमार की अदालत ने इसे गंभीर और समाज विरोधी अपराध बताते हुए कड़ी सजा दी। जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

यह मामला 18 जनवरी 2018 का है, जब लालकुआं कोतवाली में तैनात एसआई राकेश कठायत गश्त के दौरान तिकोनिया चौराहा, गांधीनगर पहुंचे। पुलिस को देखकर आरोपी सफेद प्लास्टिक की पन्नी लेकर भागने लगा, लेकिन उसे पकड़ लिया गया। तलाशी लेने पर पन्नी से 1 किलो 108 ग्राम चरस बरामद हुई। इसके बाद आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर उसे हिरासत में भेजा गया।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूजा साह ने अदालत में छह गवाह और 17 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और सभी साक्ष्यों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया।

अपने निर्णय में अदालत ने कहा कि चरस जैसे नशीले पदार्थ युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करते हैं और समाज में अपराध को बढ़ावा देते हैं। इसी कारण ऐसे मामलों में कठोर सजा आवश्यक है।

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