मुख्य सचिव ने जिलों से NCORD बैठकों की रिपोर्ट की तलब, जिलाधिकारियों को दी चेतावनी

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मुख्य सचिव ने जिलों से NCORD बैठकों की रिपोर्ट की तलब

सीएस ने सभी जिलों से Narco Coordination Center बैठकों की रिपोर्ट तलब करते हुए देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, चमोली व चम्पावत जिलों द्वारा इस वर्ष एक भी जिला स्तरीय NCORD की बैठक आयोजित ना किए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। उन्होंने संबंधित जिलाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए सचिव गृह को इस सम्बन्ध में तत्काल पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पर उत्तरदायी अधिकारियों की एसीआर में प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी भी दी है। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को NCORD की जिला स्तरीय बैठक माह में एक बार अनिवार्य रूप से आयोजित करने की कड़ी हिदायत दी है। मेडिकल स्टोर पर दवाइयों का नशे के रूप में दुरूपयोग पर सख्त माॅनिटरिंग को लेकर सीएस रतूड़ी ने महानिदेशक स्वास्थ्य को सभी मेडिकल स्टोर पर अनिवार्यतः सीसीटीवी लगवाने तथा रिकाॅर्ड के डिजिटाइजेश के लिए निर्देश दिए हैं।

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नशा मुक्ति केन्द्रों के लिए अलग से बजट सृजित करने के निर्देश

सचिवालय में स्टेट लेवल नारकोटिक्स को-आर्डिनेशन मीटिंग (NCORD ) में मुख्य सचिव ने तत्काल सम्बन्धित विभाग और जिलाधिकारियों को नशा मुक्ति केन्द्रों के लिए अलग से बजट मद सृजित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रत्येक जिले में एक-एक नशा मुक्ति केन्द्र अनिवार्यतः स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

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इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सरकारी शिक्षण संस्थानों की भांति ही निजी स्कूलों, काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में एंटी ड्रग्स कमेटी अनिवार्यतः गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एण्टी ड्रग्स ई प्लैज ( Anti Drug E pledge ) को भी जन अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड में अभी तक 2,20,754 ई-प्रतिज्ञा ली जा चुकी हैं। इस मामले में देशभर में उत्तराखण्ड 6वें स्थान पर है।

अब तक NDPS एक्ट के तहत 1020 केस रजिस्टर्ड

शैक्षणिक संस्थानों के कैम्पस को ड्रग्स फ्री सुनिश्चित करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी को लेकर सीएस राधा रतूड़ी ने विभिन्न एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ इस सम्बन्ध में एमओयू करने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष अभी तक राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1020 केस रजिस्टर्ड हुए हैं और 1298 दोषियों को सजा हुई है।

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पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत राज्य में कुल 5 केस दर्ज किए गए। जिनमें देहरादून में 3, हरिद्वार में एक और एएनटीएफ व एसटीएफ में एक केस था। इस साल नवंबर तक 223.15 किग्रा चरस, 462.91 किग्रा डोडा, 15.92 किग्रा0 अफीम, 18.24 किग्रा0 हिरोइन, 0.343 किग्रा0 कोकेन, 2058 हिट एलएसडी, 0.372 किग्रा0 एमडीएमए, 1567.49 किग्रा0 गांजा तथा 2,52,208 टेबलेट व इंजेक्शन जब्त किए गए

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