देहरादून। उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूलों में एनसीईआरटी के बजाए निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें लगाने की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के ढाई सौ से अधिक निजी स्कूलों में छापे मारे। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा नैनीताल के 21 और हरिद्वार के एक स्कूल को नोटिस दिया गया है। मनमानी करने वाले स्कूलों की एनओसी रद्द की जाएगी।
शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश के निजी स्कूलों की विभिन्न माध्यमों से शिकायत आ रही थी, जिसे देखते हुए विभाग की ओर से जिला एवं खंड स्तरीय अधिकारियों की अलग-अलग टीमें बनाकर स्कूलों में छापे की कार्रवाई की गई है। छापे के दौरान हरिद्वार में एक ऐसा भी मामला सामने आया जिसमें छात्र-छात्राओं को 3400 रुपये में समस्त विषयों की डिजिटल पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही थी। निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें लगाने के सबसे अधिक हरिद्वार और नैनीताल जिले में मामले सामने आए हैं। शिक्षा महानिदेशक ने कहा नैनीताल में 49, रुद्रप्रयाग में 10, बागेश्वरव में नौ, देहरादून में 21, चमोली में 77, हरिद्वार में 37, अल्मोड़ा में 31, टिहरी में 11 और उत्तरकाशी में 11 स्कूलों में छापे मारे गए। अभिभावकों पर महंगी किताबों के लिए दबाव बनाने की जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायत सही मिली है, उन्हें नोटिस देकर कार्रवाई की जा रही है। निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस और किताबों के लिए अभिभावकों पर दबाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्कूलों में छापे की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। निजी स्कूलों की मनमानी फीस और महंगी किताबों के संबंध में शिक्षा महानिदेशक ने विभागीय अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक ली। उन्हें इस तरह के मामलों में कार्रवाई के निर्देश दिए गए। महानिदेशक ने कहा कि फीस और महंगी किताब को लेकर किसी अभिभावक का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। इस तरह की जो भी शिकायत मिलें, अधिकारी उसे गंभीरता से लेते हुए उसकी जांच कर कार्रवाई करें।