कहीं आपके बच्चे के साथ भी तो नहीं हो रहा ये धोखा, उत्तराखंड बोर्ड टॉपर प्रियांशी की वजह से हुआ बड़ा खुलासा

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बीते दिनों ही उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट जारी हुआ। दसवीं में पिथौरागढ़ जिले की प्रियांशी ने टॉप किया है। इसके साथ ही प्रियांशी ने शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर उत्तराखंड ही नहीं यूपी का रिकॉर्ड तोड़ा है। लेकिन प्रियांशी के टॉप करने के बाद एक ऐसी बात सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है।


उत्तराखंड बोर्ड की टॉपर प्रियांशी जिस स्कूल में पढ़ती थी उस स्कूल को मान्यता तक नहीं मिली थी। ये खुलासा प्रियांशी का रिजल्ट आने के बाद सामने आई है। इतिहास रचने वाली पहाड़ की इस बेटी को डमी स्कूल से परीक्षा देनी पड़ी। शुरूआत में इस स्कूल को विभाग के अधिकारी सरकारी स्कूल बता रहे थे। लेकिन बाद में पता चला कि सरकारी स्कूल तो दूर इस स्कूल को मान्यता तक प्राप्त नहीं थी।

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अशासकीय विद्यालय निकला प्रियांशी का स्कूल
10वीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाली छात्रा प्रियांशी के स्कूल को सरकारी स्कूल बताया जा रहा था। लेकिन अब पता चला है कि प्रियांशी का स्कूल अशासकीय है। इसको डमी स्कूल बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक साधना पब्लिक स्कूल की आठवीं कक्षा तक की ही मान्यता प्राप्त है।

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आपको बता दें कि डमी स्कूल वो होते हैं जहां स्टूडेंट को एडमिशन नियमित स्कूल के छात्र के रूप में दिया जाता है। लेकिन वो रेगुलर क्लासेस नहीं लेता है। अक्सर कुछ निजी स्कूल बच्चों को मान्यता ना मिल पाने के कारण पढ़ाते तो अपने यहां हैं लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन दूसरे स्कूल से किया जाता है।

JBSGIC गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से था प्रियांशी का रजिस्ट्रेशन
बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाली छात्रा प्रियांशी का रजिस्ट्रेशन जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट पिथौरागढ़ से था। जबकि वो पढ़ती साधना पब्लिक स्कूल में थी। इस मामले के खुलासे के बाद अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में ऐसे कई डमी स्कूल चल रहे हैं। हरिद्वार जिले से भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। इसके बाद सवाल उठ रहा है कि प्रदेश में ऐसे कितने स्कूल संचालित हो रहे हैं। कहीं आपके बच्चे के साथ भी ऐसा ही धोखा तो नहीं हो रहा है।

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