मशूहर अभिनेता विक्रम गोखले नहीं रहे , छोटे व बड़े पर्दे पर की शानदार अदाकारी

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हिंदी एवं मराठी फिल्मों के मशहूर अभिनेता विक्रम गोखले का शनिवार को का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा जार है कि उनकी हालत बुधवार से ही नाजुक बनी हुई थी और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। शुक्रवार को उनकी हालत में कुछ सुधार आया था लेकिन मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से शनिवार दोपहर को उनका निधन हो गया। उनके निधन से मनोरंजन जगत में शोक की लहर फैल गई है।


14 नवंबर, 1945 को जन्मे विक्रम गोखले एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे। विक्रम गोखले के पिता चंद्रकांत गोखले भी मराठी थिएटर और फिल्मों के अभिनेता थे। जानकारों को कहना है कि उनकी परदादी दुर्गाबाई कामत को भारतीय फिल्मों की पहली अभिनेत्री थी। इसके अलावा उनकी दादी कमलाबाई गोखले कमलाबाई गोखले इंडियन सिनेमा की पहली फीमेल चाइल्ट आर्टिस्ट थीं। घर में फिल्मी माहौल होने के कारण विक्रम का झुकाव भी अभिनय की तरफ ही रहा।

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विक्रम गोखले ने साल 1971 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की फिल्म परवाना से बॉलीवुड में अपने सिने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह हिंदी व मराठी भाषा की कई फिल्मों में अभिनय करते नजर आये। विक्रम गोखले की कुछ प्रमुख फिल्मों में ‘हम दिल दे चुके सनम‘, ‘मिशन मंगल‘, ‘हिचकी‘, ‘अय्यारी‘, ‘बैंग बैंग‘, ‘दे दना दन‘ और ‘भूल भुलैया‘ आदि शामिल हैं जिनमें उन्होंने बेहतर अदाकारी की है।

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विक्रम गोखले बड़े पर्दे के अलावा छोटे पर्दे पर भी काफी सक्रिय रहें। उन्होंने उड़ान, इंद्रधनुष, क्षितिज ये नहीं, संजीवनी, जीवन साथी, सिंहासन, मेरा नाम करेगी रोशन, शिव महापुराण और अवरोधरू में काम किया। अभिनय के साथ ही विक्रम गोखले ने साल 2010 में बतौर निर्देशक मराठी फिल्म अघात बनाई।

इन सब के अलावा विक्रम गोखले थियेटर जगत में भी सक्रिय थे । थिएटर में उनके योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से नवाजा भी जा चुका है। इसके अलावा साल 2013 में मराठी फिल्म श्अनुमतिश् में शानदार अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।

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