देहरादून । खनन निदेशक एसएल पैट्रिक को गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। इस वारदात के छह दिन बाद खनन निदेशक ने गढ़ी कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें ओम प्रकाश तिवारी और उसके एक सहयोगी को भी आरोपी बनाया गया।
भूतत्व एवं खानिकर्म विभाग के निदेशक एसएल पैट्रिक ने एसएसपी से शिकायत कर बताया कि वे विभागीय काम के चलते सचिवालय आते-जाते रहते हैं। कुछ दिन पहले सचिवालय में एक अपर सचिव के कार्यालय में उनको ओमप्रकाश तिवारी निवासी आदर्श विहार कारगी रोड देहरादून मिला। तिवारी ने खुद को एक अपर सचिव स्तर के अफसर का खास बताया। वह खनन पट्टे और स्टोन क्रशर से जुड़े काम करना चाहता था। पैट्रिक ने आरोपी को ऑनलाइन टेंडर में भाग लेने की सलाह दी। आरोपी ने मिलने का समय मांगा, लेकिन व्यस्त रहने के कारण वे मिल नहीं पाए। अगले दिन नौ अप्रैल की रात आठ बजे तिवारी उनके घर पहुंच गया। फिर उन्हेंअपनी कार में बैठाकर बल्लूपुर के पास एक गेस्ट हाउस ले गया। गेस्ट हाउस में उसके कुछ साथी भी थे।
आरोप है कि तिवारी ने पैट्रिक पर शराब पीने का दबाव बनाया। अस्वस्थ होने के कारण पैट्रिक ने मना कर दिया। पैट्रिक ने पुलिस को बताया कि इस बात से तिवारी भड़क गया और उसने उनको खींचकर बेड पर पटक दिया। आरोपी का साथी कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर चला गया। आरोप है कि तिवारी ने धमकाते हुए 50 लाख रुपये मांगे। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। उनसे जबरन किसी पंजीकृत स्टोन क्रशर और खनन पट्टे में हिस्सेदारी कराने को कहा। आरोप है तिवारी ने उनके परिवार को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। एसएसपी के निर्देश पर कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पैट्रिक के अनुसार, करीब दो घंटे तक उनको बंधक बनाकर रखा गया। उन्होंने किसी तरह अपने ड्राइवर को फोन किया। इसके बाद ड्राइवर ने उनको रात करीब 10 बजे वहां से निकाला और घर ले गया। पैट्रिक के अनुसार, इस घटना के बाद वे बीमार हो गए और उनको शिकायत करने का समय नहीं मिला।