चमोली से बड़ी खबर सामने आ रही है। शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ कार्रवाई कर पद से हटा दिया है। बता दें रजनी भंडारी पर 2012-13 में आयोजित नंदा राजजात के निर्माण कार्य के टेंडर में गड़बड़ियों के आरोप हैं। शासन ने भंडारी को पद से हटाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष को पद से हटाया
सचिव पंचायती राज हरिचंद सेमवाल की ओर से कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। बताते चलें शासन ने रजनी भंडारी को पूर्व में भी इन्हीं आरोपों के आधार पर पद से हटाया था। लेकिन कोर्ट से बहाली के आदेश के बाद रजनी भंडारी पद पर बनी रही। जानकारी के लिए बता दें रजनी भंडारी के पति राजेंद्र भंडारी बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक हैं।
ये हैं आरोप
शासनादेश में कहा गया है कि श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग की ओर से प्राप्त धनराशि से विभिन्न काम होने थे। इसके लिए जिला पंचायत की ओर से 64 निविदाएं आमंत्रित की गई थी। जिसमें न्यूनतम दर वाली निविदाओं के बजाए अधिक दर वाली निविदाओं को मंजूर किया गया।
मामले की जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। उसमें पाया गया है कि 64 में से 30 कार्यों के लिए प्राप्त निविदाओं के तुलनात्मक विवरण से स्पष्ट है कि इन मामलों में प्राप्त निविदाओं को खोलने के लिए गठित समिति ने जिन न्यूनतम निविदाओं के संबंध में अपनी सिफारिश दी। इस प्रकरण की वर्ष 2014 में जांच कराई गई थी।
जांच के बाद हटाया था पद से
जांच में स्पष्ट किया गया कि भंडारी ने निविदाएं स्वीकृत करने में उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में निहित प्रविधानों का उल्लंघन किया है। इस प्रकरण में शासन ने भंडारी को वर्ष 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उत्तर संतोषजनक न मिलने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें बहाल कर दिया गया था।
बदले की भावना से की गई है कार्रवाई : रजनी भंडारी
जानकारी के अनुसार पूरे प्रकरण को लेकर रजनी भंडारी का कहना है कि कोई वित्तीय हानि नहीं हुई है। जानबूझकर बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट मेरे पति राजेंद्र भंडारी से विधानसभा चुनाव हारे हैं। इसलिए सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।