टिहरी के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत लापरवाह अधिकारियों की जमकर क्लास ले रहे हैं। हाल ही में मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा टिहरी में बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें टिहरी के अधिकारी और जीवीके कंपनी के अधिकारी शामिल हुए थे।जीवीके कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही और टालू रवैए को देखते हुए टिहरी के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत ने आज अपनी नाराजगी जाहिर की और उनको खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने अधिकारियों को बैठक के दौरान कह दिया कि उन्होंने यह बैठक दाल-भात खिलाने के लिए नहीं बुलाई है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बैठक के दौरान अधिकारियों पर कई बार जमकर भड़के। हरक सिंह रावत ने विधानसभा में श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों की समस्या के निराकरण के लिए आज बैठक बुलाई थी जिसमें टिहरी के जिलाधिकारी समेत कई अधिकारी शामिल हुए थे.जीवीके कंपनी के अधिकारी बैठक के लिए तैयारी करके नहीं आए थे
जिसके बाद उनको मंत्री हरक सिंह रावत की फटकार सुननी पड़ी और मंत्री हरक सिंह रावत ने अधिकारियों को यह दो टूक कह दिया कि मैंने यह बैठक दाल-भात खाने के लिए नहीं बुलाई है। उन्होंने कहा कि इस बैठक में जिलाधिकारी टिहरी को इतनी दूर से बुलाया गया है और वे खुद इस बैठक के लिए कोटद्वार से देहरादून पहुंचे हैं और बाकी अधिकारी एवं विधायक भी अपना कीमती समय निकालकर बैठक में आए हैं मगर इस समस्या के निवारण के लिए कोई भी अधिकारी तैयारी करके क्यों नहीं आया। इसी बात पर वह भड़क गए और उन्होंने अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। दरअसल टिहरी के स्थानीय विधायक विनोद कंडारी ने जीवीके कंपनी द्वारा लोगों को प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की थी और उन्होंने कंपनी द्वारा 90 कर्मचारियों को हटाए जाने, मोटर मार्ग के निर्माण, डैम लीकेज, प्रदूषण और कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ अन्याय का मुद्दा उठाया था।