क्या है ‘Dermatomyositis’ बीमारी जिससे गई दंगल फेम Suhani Bhatnagar की जान?

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आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ में छोटी बबिता का किरदार निभाने वाली 19 साल की सुहानी भटनागर(Suhani Bhatnagar) अब इस दुनिया में नहीं है। 17 फरवरी 2024 को उनके निधन की खबर मिली। बता दें की अभिनेत्री की मौत डर्मेटोमायोसिटिस (Dermatomyositis) बीमारी से हुई है। अभिनेत्री डर्मेटोमायोसिटिस नामक बीमारी से पीड़ित थी। ये दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर चकत्ते लाती है।


मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सुहानी को इस बीमारी के सिम्पटम्स दो महीने पहले ही दिख गए थे। उनके हाथों पर लाल धब्बा था। जिसको एलर्जी सोचकर नजरअंदाज कर दिया गया। जिसके बाद अभिनेत्री के हाथ में सूजन बढ़ने लग गई। एक हाथ से ये सूजन पूरे शरीर में फैल गई।

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डॉक्टरों को सलाह के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ। हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। शरीर में फ्लूड के कारण अभिनेत्री के फेफड़े खराब हो गए। ‘डर्माटोमायोसिटिस’ बीमारी के कारण अभिनेत्री का निधन हो गया। ऐसे में चलिए जानते है की क्या है ‘डर्माटोमायोसिटिस’?

क्या है डर्मेटोमायोसिटिस? (what is Dermatomyositis)
डर्मेटोमायोसिटिस एक दुर्लभ ऑटोइम्यून डिजीज है जो मांसपेशियों और त्वचा को एफेक्ट करता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा में चकत्ते और मसल्स में कमजोरी आती है। बीमारी के बढ़ने पर ये सांस लेने में दिक्कत और निगलने की क्षमता जैसे गंभीर लक्षण पैदा करता है। रिपोर्ट्स की माने तो हर साल करीब एक लाख लोगों में से एक को ये बीमारी होती है।

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मांसपेशियों और त्वचा को करता है प्रभावित
शरीर का इम्यून सिस्टम इस बीमारी में अपने टिशूज पर ही हमला कर देता है। जिससे सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते है। डर्मेटोमायोसिटिस में शरीर की मांसपेशिया तेज़ी से कमजोर होती है। साथ ही सेल्स में इन्फ्लेमेशन होने लगता है।
पॉलीमायोसिटिस का एक रूप डर्मेटोमायोसिटिस है जो मांसपेशियों और त्वचा को मुख्य रूप से प्रभावित करता है। वैसे तो ये बीमारी जल्दी विकसित होने लगती है। लेकिन कुछ केस में इस बीमारी को विकसित होने में महीनों लगते है।

Dermatomyositis किसे प्रभावित करता है?
डर्मेटोमायोसिटिस नामक इस बीमारी की चपेट में कोई भी आ सकता है। लेकिन मुख्य रूप से इस ऐज ग्रुप के लोगों में इस बीमारी का खतरा दूसरों से अधिक होता है।

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पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के इस बीमारी से प्रभावित होने के अधिक चान्सेस है। इसके अलावा 5 से 15 साल के की आयु वर्ग के बच्चे और 40 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में बाकी के मुकाबले बीमारी की चपेट में आने की संभावना अधिक है।

डर्मेटोमायोसिटिस के लक्षण (Dermatomyositis Symptoms)
मसल्स में कमजोरी
इम्यूनिटी वीक होना
स्किन कलर में चेंज
रैशेज से खुजली और दर्द
त्वचा पर चकत्ते
कोहनी, घुटनों पर दाने
हाथ-पैरो में सूजन
बैठने में तकलीफ

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