विश्व पर्यावरण दिवस पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित हुई संगोष्ठी

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विश्व पर्यावरण दिवस पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित संगोष्ठी में संबोधित करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को पर्यावरण दिवस की बधार्इ देते हुए कहा कि हम हिमालयी राज्य है, हमेशा हमसे प्रेरणा लेकर देश के सभी राज्य आगे बढ़ते है, इसलिये हमें पर्यावरण संरक्षण का मॉडल तैयार करना होगा। उन्होंने कहा इकोलॉजी एवं इकोनमी अधारित विकास प्रदेश व देश के लिये अति आवश्यक है। पारिस्थितिकी के साथ विकास का समन्वय स्थापित करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा हम पेड़-पौधे, पहाड़, नदी-नौले हमारी संस्कृति का हिस्सा है, हम इनकी पूजा करते है, इसलिये जनता को जागरूक करते हुए पर्यावरण संरक्षण में उनकी सहभागिता बढ़ार्इ जाय। उन्होंने कहा पर्यावरण असंतुलन से आज ग्लोबल वार्मिग बढ़ रही है, जिससे पारिस्थितिकी नुकशान के साथ ग्लेशियर पिघल रहे है, जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है। हमें जीडीपी के साथ ही जीर्इपी आंकलन पर विशेष ध्यान देना होगा। प्लास्टिक से जल-जमीन व जन्तुओं को भारी नुकशान हो रहा है जो सोचनीय है। हमें प्लास्टिक के उपयोग को रोकना चाहिए। 
मुख्यमंत्री ने कहा धरा ने हमको सबकुछ दिया है, इसलिये हमें भी पर्यावरण को संरक्षित करते हुए आने वाले पीढ़ी के लिये संजो के रखना है, यह हमारी जिम्मेदारी ही नहीं कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा हम इकोलॉजी व इकोनमी में संतुलन बनाते हुए कार्य करेंगे, जो दुनिया के सामने मॉडल होगा। उन्होंने जिलाधिकारियों, प्रभागीय वनाधिकारियों व अन्य सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे 75 आदर््रभूमियों की पहचान कर उनका जीर्णोद्धार करेंगे। अमृत सरोवर योजना, जल स्रोतों व नदी नौलों हेतु संरक्षण का कार्य करें, पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा दें तथा ग्राम सभाओं को सड़कों से जोडने के लिऐ छोटे-छोटे पुलों का निर्माण करें तथा गॉव के विकास हेतु छोटी-छोटी योजनायें प्राथमिकता से बनायें। 
वरिष्ठ काबिना मंत्री, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने संगोष्ठी में संबोधित करते हुए कहा वनों व पर्यावरण को बचाने के लिए आम जनता की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा वन पंचायतों को आजीविका से जोड़ना होगा, ताकि ग्रामवासी वनों को अपना समझे व उन्हें बचाने के लिए अपनी पूर्ण सहभागिता निभायेंगे। 
पर्यावरण विद पदमभूषण अनिल प्रकाश जोशी ने इकोलॉजी व इकोनमी संतुलन बनाते हुए विकास पर जोर दिया तथा इस पर मॉडल तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने पर्यावरण असंतुलन पर विस्तृत प्रकाश डाला व जीडीपी के साथ ही जीर्इपी पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा सिंगल यूज प्लास्टिक व 50 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य है तथा प्लास्टिक के रिड्यूज, रिफ्यूज व रिसार्इकिल पर बल दिया। 
 जिलाधिकारी विनीत कुमार ने संगोष्ठी में पर्यावरण दिवस पर सभी को बधार्इ देते हुए पर्यावरण संरक्षण में विभागीय स्तर व स्वयं के स्तर से कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा भारत ही नहीं पूरा विश्व पर्यावरण से जूझ रहा है। हम सब की जिम्मेदारी व दायित्व है कि हम पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। 
इसके उपरांत अपराह्न में पंत क्वैराली में अमृत सरोवर योजना में अमृत सरोवर निर्माण में जिलाधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों द्वारा विधिवत शुभारम्भ कर श्रमदान किया गया। यह अमृत सरोवर 10X10 मीटर का 1.20 लाख लीटर जल संग्रहण क्षमता का बनाया जा रहा है। श्रमदान के बाद सरोवर के आस-पास पौधा रोपण भी किया गया। इसके बाद जिलाधिकारी ने गत वर्ष हरेले में लगाये गये पौधों का भी निरीक्षण किया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न जगहों पर पौधारोपण किया गया।  

विभिन्न कार्यक्रमों में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 हरीश पोखरिया, उप जिलाधिकारी हरगिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सोन, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, महाप्रबन्धक उद्योग जीपी दुर्गापाल, युवा कल्याण अधिकारी अर्जुन सिंह रावत, अधि0अभि0 जलसंस्थान डीएस देवड़ी, सिंचार्इ विजय काण्डपाल, मुख्य कृषि अधिकारी एस.एस.वर्मा, रेंज आफिसर एस.एस. करायत, वृक्ष प्रेमी किशन सिंह मलड़ा, चैयरमैन रेडक्रास संजय शाह जगाती, प्रधान पंत क्वैराली रमेश पाठक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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