बहादुर जानकी देवी बाघ के जबड़े से सहेली को खींच लाई ,सिर में भी पंजों के निशान

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क्षेत्र की एक बहादुर महिला सहेली को बचाने के लिए खूंखार बाघ से भिड़ गई। इतना ही नहीं इस महिला ने ताबड़तोड़ पत्थर बरसाकर और दराती से वारकर सहेली को करीब 200 मीटर जंगल के अंदर खींचकर ले गए बाघ को खदेड़ दिया। गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां उसके सिर में 24 टांके लगे हैं। शरीर के अन्य हिस्सों में भी पंजों के निशान हैं। प्राथमिक इलाज के बाद महिला को हायर सेंटर रैफर कर दिया गया। इस घटना से क्षेत्र में दहशत है। मंगलवार को उच्चौलोगोठ गांव निवासी गीता देवी (36) पत्नी रमेश सिंह महर और जानकी देवी चारा पत्ती लेने के गये थे। इसी दौरान बाघ ने गीता देवी पर हमला कर दिया और उसे घसीटकर जंगल की ओर ले गया। चीख-पुकार सुनकर जानकी देवी 25 पत्नी जितेंद्र महर ने हिम्मत दिखाते हुए गीता को बचाने के लिए हाथ में दरांती लेकर बाघ के चंगुल से गीता को छुड़ाने का प्रयास किया साथ ही पत्थरों से वार कर बाघ को दौड़ाया। गीता भी बाघ के जबड़े से छूटने के लिए संघर्ष करती रही। जानकी का कहना है कि बाघ और उसके बीच का पफासला कुछ दूरी का ही रहा लेकिन उसने दराती और पत्थरों से उसे पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। शोर सुनकर आस पास के ग्रामीण भी मौके पर आ गये। तब तक बाघर जंगल की ओर भाग गया। गंभीर हालत में गीता को उप जिला अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. मोहम्मद आफताब आलम ने बताया कि बाघ ने महिला के सिर पर बुरी तरह हमला किया है। उसके सिर में 24 टॉक आए हैं। इसके अलावा शहरीर के अन्य हिस्सों में भी हमले के निशान हैं। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए
हायर सैंटर रैफर किया गया है।

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