प्रदेश में शिक्षकों की पदोन्नति की जा सके, इसके लिए शिक्षा विभाग हाईकोर्ट में मोटिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल करेगा। विभाग ने इसके लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा को अधिकृत किया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रामन ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी कि याचिकाकर्ता शिक्षकों के पदों को छोड़कर अन्य शिक्षकों की पदोन्नति की अनुमति दी जाए। शिक्षा विभाग में तदर्थ और सीधी भर्ती के शिक्षकों की वरिष्ठता विवाद के चलते शिक्षकों की पदोन्नति पर रोक लगी है। जिससे 2250 से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति लटकी है।
हालांकि, पूर्व में इस मामले में लोक सेवा अधिकरण ने विभाग को तीन महीने के भीतर वरिष्ठता निर्धारित करने का आदेश दिया था। अधिकरण ने आदेश दिया था कि जब तक वरिष्ठता तय नहीं होती शिक्षकों की पदोन्नति न की जाए, लेकिन विभाग समय पर वरिष्ठता तय नहीं कर पाया। जिसने अधिकरण के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
प्रेमलता बौडाई व अन्य भी मामले लेकर हाईकोर्ट गए हैं। शिक्षा सचिव ने आदेश जारी किया कि मामले में प्रेमलता बौडाई व अन्य में पारित 21 अप्रैल 2022 के आदेश के खिलाफ मोटिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल की जाए।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, याचिकाकर्ता शिक्षकों के पदों को खाली छोड़ते हुए अन्य शिक्षकों की पदोन्नति की जा सके, इसके लिए हाईकोर्ट से अनुमति ली जा रही है। अनुमति मिलने पर शिक्षकों की पदोन्नति की जाएगी, जबकि याचिकाकर्ताओं के पदों पर हाईकोर्ट का जो भी फैसला होगा उस पर अमल किया जाएगा।
ये है मोटिफिकेशन एप्लीकेशन
बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के वरिष्ठ सदस्य चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक किसी आदेश में संशोधन के लिए मोटिफिकेशन एप्लीकेश दाखिल की जाती है। कोर्ट में याचिका की जाती है कि मामले में नया तथ्य शामिल करते हुए संशोधित आदेश जारी किया जाए।