गरीब मेधावियों की एमबीबीएस, एमडी और एमएस की आधी फीस देगी सरकार। एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा। मेडिकल छात्रों के लिए सरकार जल्द बीमा योजना लॉन्च करेगी। शोध को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा की भांति प्रोत्साहन योजना लागू होगी । हरिद्वार मेडिकल कॉलेज अगले साल से शुरू होगा।
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज वर्ष 2026 और पिथौरागढ़ का मेडिकल कॉलेज 2027 में शुरू होंगे। राज्य के 5000 नर्सिंग पास छात्रों के लिए तीन देशों में रोजगार के लिए सरकार ने एमओयू साइन किया है। सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टर का अलग कैडर बना रही।
उत्तराखंड के गरीब मेधावियों को अब एमबीबीएस, एमडी, एमएस की पढ़ाई करने के लिए राज्य सरकार आधी फीस देगी। दूसरी ओर, मेडिकल छात्रों के लिए सरकार जल्द ही बीमा योजना लांच करेगी। शोध को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा की भांति प्रोत्साहन योजना लागू होगी। एचएनबी मेडिकल विवि के छठे दीक्षांत समारोह में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने ये घोषणाएं कीं।
धन सिंह रावत ने कहा कि गरीब मेधावी बच्चों के लिए मेधावी छात्रवृत्ति योजना लागू होने जा रही है। इसके तहत इनकी आधी फीस सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि इसमें एमबीबीएस के साथ ही एमडी, एमएस के छात्र भी शामिल होंगे। डॉ.रावत ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए सरकार जल्द ही बीमा योजना भी शुरू करने जा रही है।रावत ने कहा कि हरिद्वार मेडिकल कॉलेज अगले साल से शुरू होगा। रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज वर्ष 2026 में और पिथौरागढ़ का मेडिकल कॉलेज 2027 में शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के 5000 नर्सिंग पास छात्रों के लिए तीन देशों में रोजगार के लिए सरकार ने एमओयू साइन किया है।
तीन हजार पदों पर नर्सिंग की भर्ती जल्द पूरी होने जा रही है। उन्होंने बताया कि अब सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का अलग कैडर बना रही है। कहा, 2025 तक राज्य को नशामुक्त बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। 17 सितंबर से 30 अक्तूबर तक सभी ग्राम पंचायतों में चौपाल लगाकर सरकार लोगों के आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाने के साथ ही उनका निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण भी कराएगी।
16 संस्कार होंगे एमबीबीएस कोर्स में शामिल
हिंदी में एमबीबीएस की शुरुआत करने जा रहे उत्तराखंड में अब एमबीबीएस कोर्स में 16 संस्कार (गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, विद्यारम्भ, कर्णवेध, यज्ञोपवीत, वेदारम्भ, केशान्त, समावर्तन, विवाह और अंत्येष्टि संस्कार) को भी कोर्स में शामिल किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही समिति गठित की जाएगी।