कई व्यापारियों द्वारा जीएसटी की रिटर्न ‘निल’ भरने पर राज्य कर विभाग ने कई व्यापारियों का स्पॉट वेरिफिकेशन किया जिसमें कई व्यापारी कर चोरी करते पाये गये।
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधु द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में राज्य कर विभाग द्वारा ऐसे करदाताओं के सम्बन्ध में 07 जुलाई 2022 से विशेष जाँच अभियान चलाया जा रहा है, जिनके द्वारा काफी समय से ‘निल’ रिटर्न दाखिल की जा रही थी अथवा कोई कर जमा नहीं किया जा रहा था।
उक्त अभियान के तहत 10 अगस्त तक 9321 व्यापारियों के स्पॉट वेरिफिकेशन/इंसपेक्शन किये गये। इस परिप्रेक्ष्य में मुख्यालय स्तर पर निरन्तर समीक्षा की जा रही है। अभियान के अंतर्गत देहरादून में इलैक्ट्रानिक्स गुड्स के एक व्यापारी के गोदाम के स्टॉक सत्यापन की कार्यवाही की गयी, जिसमें स्टॉक कम पाया गया। व्यापारी द्वारा क्लेम की गयी 10 लाख रुपये की आईटीसी रिवर्स की गयी।
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इसी प्रकार हरिद्वार में एक टायर के व्यापारी के स्टॉक सत्यापन की कार्यवाही के दौरान उपलब्ध स्टॉक कम पाया गया, जिसमें 15 लाख रुपये की आईटीसी रिवर्सल के सम्बन्ध में कार्यवाही गतिमान है। दिनांक 07.08.2022 को हल्द्वानी में रेलवे काठगोदाम में सर्वेक्षण व माल अभिग्रहण की कार्यवाही की गयी, जिसमें अधिकतर माल नुमाईश के व्यापारियों से सम्बन्धित एवं बिना बिल के प्राप्त होने के परिप्रेक्ष्य में विभागीय अधिकारियों के द्वारा नुमाईश क्षेत्र के सर्वेक्षण के दौरान पाया गया कि परिसर में कुल 120 दुकाने आवंटित की गयी हैं तथा हरियाणा फन फेयर के साथ 1.27 करोड़ रुपये की (जीएसटी सहित) का एग्रीमेन्ट हुआ है, जिसमें कुल जीएसटी 19 लाख रुपये हरियाणा के पक्ष में जमा किये गये हैं। व्यापारी द्वारा उक्त टैक्स की धनराशि को उत्तराखण्ड राज्य के पक्ष में जमा करने पर सहमति व्यक्त की गयी। साथ ही परिसर में स्थित 120 दुकानों को कैजुअल पंजीयन प्राप्त कराते हुए टैक्स जमा करने पर भी सहमति व्यक्त की गयी है।