जैन धर्म में दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपना शरीर त्याग दिया है। उन्होनें छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में शनिवार 17 फरवरी की रात 2:35 पर समाधि ली। वहीं इससे पहले उन्होनें आचार्य पद का त्याग कर दिया था और तीन दिन का उपवास और मौन धारण किया था। तीन दिन उपवास के बाद उन्होनें शरीर को त्याग दिया।
उनके समादि लेने के बाद पीएम मोदी ने शोक जताया है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा, आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे।
पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले साल छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे भेंट हुई मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।
जैन समाज के लोग आज करेंगे दुकानें बंद
आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने पर देशभर में जैन समाज के लोग आज अपनी-अपनी दुकानें बंद रखेंगे। वहीं उनका अंतिम संस्कार चंद्रगिरि तीर्थ में ही होगा। आचार्य विद्यासागर ने 6 फरवरी को योग सागर जी से चर्चा की और फिर आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने मुनि श्री समय सागर महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी