छह विधायक सीएम रावत के लिए छोड़ सकते हैं विधायक सीट

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राजधानी देहरादून से बड़ी खबर सामने आ रही है बता दें कि यहां पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को 10 सितम्बर से पहले विधायकी का चुनाव जीतकर आना है, जिसके लिए मुख्यमंत्री को किसी भी एक विधान सभा सीट से उपचुनाव जीतकर आना होगा, मुख्यमंत्री के लिए अब तक 6 विधायक सीट छोड़ने के लिए तैयार है,जिनमे निर्दलीय विधायक भी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि अब तक 6 विधायकों ने उन्हे लिखित में मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने के लिए पत्र दिया है। जिसमें एक निर्दलीय विधायक भी है, साथ ही 4 विधायक पौड़ी लोकसभा सीट से ही है।

यह वह विधायक जो छोड़ सकते हैं सीट

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बात अगर मुख्यमंत्री केद लिए सीट छोड़ने वालों की करें तो सबसे पहला और बड़ा नाम कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का है,जिन्होने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए मुख्यमंत्री की शपथ लेने के दिन ही बीजेपी हाईकमान को कोटद्धार विधानसभा सीट छोड़ने के लिए अवगत करा दिया था। साथ ही मीडिया में भी बयान देकर हरक ने सीएम तीरथ के लिए सीट छोड़ने के लिए कह दिया है। हरक सिंह अगर विधायकी छोड़ते है तो वह पौड़ी लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने का भी मन बना रहें है।मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने वालों की करें तो सबसे पहला और बड़ा नाम कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का है,जिन्होने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए मुख्यमंत्री की शपथ लेने के दिन ही बीजेपी हाईकमान को कोटद्धार विधानसभा सीट छोड़ने के लिए अवगत करा दिया था। साथ ही मीडिया में भी बयान देकर हरक ने सीएम तीरथ के लिए सीट छोड़ने के लिए कह दिया है। हरक सिंह अगर विधायकी छोड़ते है तो वह पौड़ी लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने का भी मन बना रहें है।

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वही पौड़ी लोकसभा सीट से ही लैंसडान से भाजपा विधायक दिलीप रावत,यमकेश्वर से ही भाजपा विधायक रितू खंडूरी,और बद्रीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट भी सीट छोड़ने के लिए तैयार। अगर पौड़ी लोकसभा सीट से कहकर मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने वाले विधायकों की बात की जाए तो धर्मपुर विधायक विनोद चमोली भी सीट छोड़ने के लिए तैयार है, तो वहीं भीमताल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैडा भी सीट छोड़ने के लिए तैयार है, वहीं इन सीटों से हटकर अगर बात की जाएं तो गंगोत्री विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने का भी एक विकल्प मुख्यमंत्री के पास है ,जो विधान सभा सीट भाजपा विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद खाली हुई है।

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ऐसे में देखना यहीं होगा कि आखिर मुख्यमंत्री इन 7 विधान सभा सीट में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़ते हैं, या फिर मुख्यमंत्री के किसी और सीट से चुनाव लड़ सकते है।

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