कुमाऊँ की सबसे प्राचीन हल्द्वानी रामलीला में दशहरा मेले की तैयारियां जोरों से चल रही है। दशहरे के दिन भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान रावण और उसके परिवार के विशालकाय पुतले का दहन किया जाता है। हल्द्वानी की प्राचीनतम रामलीला का यह खास महत्व है कि यहां पिछले कई दशकों से यूपी से आए शंभू बाबा बड़े ही तन्मयता से रावण और उनके परिवार के पुतले तैयार करते हैं इस बार 50 फीट लंबा प्रदूषण रहित इको फ्रेंडली रावण का पुतला बनाया जा रहा है।
135 साल पुरानी रामलीला में शंभू बाबा के पिता और दादा भी जहां रावण तथा उनके परिवार के पुतले बनाते रहे हैं और अब पिछले 45 सालों से शंभू बाबा यह काम कर रहे हैं उनका कहना है कि उन पर भगवान राम की विशेष कृपा है इसलिए उन्हें यह पुतला बनाने का काम अच्छा लगता है इसीलिए वह इस प्राचीनतम रामलीला कमेटी से भी जुड़े हैं। दशहरे के दिन भगवान राम और रावण युद्ध के बाद पुतला दहन की इस भूमिका को देखने के लिए हजारों लोग आतुर रहते हैं।