ओडिसा। इंस्टीट्यूट ऑफ सेल्फ रिलायंस द्वारा भुवनेश्वर स्थित प्रेस क्लब ऑफ ओडिशा में नव सृजन पर्यावरण के लिए जरूरी एवं जातीय आलोचना चक्र तथा सम्माननीय “भारत विकास सम्मान वितरण उत्सव” का आयोजन किया गया था। जिसमें देश भर के प्रतिभाशाली व्यक्तिओं को अपने विचार सभी के साथ बाँटने हेतु सही मंच प्रदान करना और विशेष प्रतिभाओं को सम्मानित करना इस समारोह का मूल लक्ष था।
इस समारोह के प्राकृ प्रस्तुति के दौरान भारत तथा अन्य पड़ोसी देश जैसे नेपाल, भुटान, चालादेश, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम आदि के भिन्न-भिन्न व्यक्तित्व (शिक्षक, अध्यापक, वैज्ञानिक, चिकित्सक यंत्री, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्योगपति) आदि से नामांकन पत्र आमंत्रित किए गये थे। विचारकों के द्वारा जांच करके कुल 39 व्यक्तिओं के नाम इस बार भारत विकास सम्मान के लिए मनोनीत किया गया था। पूरे दिन चलने वाले यह समारोह तीन भागों में बंटे हुए थे।
भुवनेश्वर महानगर निगम के अध्यक्षा सुलोचना दास, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिआर शर्मा, किट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सस्मिता सामन्त प्रमुख उत्सव का उद्घाटन हेतु दीप प्रज्वलन एवं पौरोहित्य किए थे। अन्य अतिथिओं में सांसद अपराजिता षड़ंगी (भुवनेश्वर), कल्याण राय, भा.प्र.से. (अवकाश प्राप्त प्रमुख सचिव श्रम एवं नियुक्ति मंत्रालय, भारत सरकार), विजय पटनायक, भा.प्र.से. (अवकाश प्राप्त मुख्य सचिव, ओड़िशा सरकार), और केन्दुझर सरकारी यांत्रिक महाविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर धनुष धारी टुमकुरु मिश्र आदि सम्मिलित हुए थे।
इस आलोचना चक्र में कोलकाता स्थित आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र महाविद्यालय के डॉ मधुमिता दण्डपाट पात्र, कर्णाटक स्थित सिद्धगंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डॉ प्रीति देसाई, तामिलनाडु के तिरुनेलभेलि स्थित मनोनमनियम सुन्दरनार विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ सि कन्नन, कर्णाटक मैसुरु स्थित हार्टफुलनेस रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर डॉ शिवानी, तेलंगाना हैदराबाद स्थित ओसमानिआ विश्वविद्यालय के डॉ भास्कर बेलांकी, मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित भारतीय जंगल परिचालन प्रतिष्ठान के प्रोफेसर शिव प्रताप सिंह, उत्तराखंड देहरादुन स्थित भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के सहायक महानिर्देशक डॉ सुमित चक्रवर्ती, उत्तराखंड ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉ अंशुमान दरबारी, उत्तराखंड नैनिताल स्थित
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के ई. प्रदीप चक्रवर्ती, तामिलनाडु चेन्नई स्थित एमिड्स के डॉ कार्तिक रमेश ने प्रमुख रूप से इसमें सहभागिता की और अपने मूल्यवान विचार लोगों के साथ शेयर किए थे। बताते चलें कि इंस्टीट्यूट ऑफ सेल्फ रिलायन्स डाक्टर, इंजीनियर, अध्यापक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्योगपति, व्यवसायी, कृषिवित आदि गुणी एवं बौद्धिक लोगों से लेस एक सामाजिक संस्था (ट्रस्ट) है। यह संस्था कि स्थापना सन २००३ में हुआ था।
प्रशिक्षण, प्रतिभा विकाश और प्रकाशन, सुझाव या परामर्श प्रदान आदी इस संस्था कि स्थापना की मूल उद्देश्य है। इसी संदर्भ में यह संस्था विभिन्न वर्गों से प्रतिभाशाली व्यक्ति को सम्मानित करके उनके और बाकी लोगों के भीतर उत्साह एवं उद्दीपना करता है ताकी लोग इससे प्रेरित होकर आगे और भी अच्छे एवं समाज-मंगल कार्य करते रहें।