लालकुआ: वन अनुसंधान केन्द्र में देश का पहला एरोमेटिक गार्डन शुरू हो गया है। इसका शुभारंभ महाराष्ट्र से आई समाजसेविका वीना राव और मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने किया। 3 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किये गये गार्डन में 140 विभिन्न प्रजातियों के सुगंधित पौधों की प्राजतियों को संरक्षित किया गया है।इनमें राम तुलसी , श्याम तुलसी, कपूर तुलसी, अफ्रीकी तुलसी सहित तुलसी की 20 से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं। कैम्पा योजना के तहत शुरू किये गये गार्डन में दक्षिण भारत से चन्दन, उत्तर भारत से अगरवुड, तटीय क्षेत्र से केवड़ा, तराई क्षेत्रों से पारिजात, रात की रानी और दिन का राजा सहित कई लोकप्रिय प्रजातियां मौजूद हैं।
सुगंधित गार्डन में जैसमीन की 9, पुदीने की 4, हल्दी की 4, अदरक की 3, लाल अदरक, रेत अदरक समेत कई ऐसी प्रजातियां मौजूद हैं, जिनके पौधौं से अर्क का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों, स्वाद और सगंध प्रयोजनों सहित मसालों और कीटनाशक दवाइयों को बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
इस दौरान मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि विभिन्न सुगंधित प्रजातियों को संरक्षित किए जाने के लिए यह गार्डन बनाया गया है। विभिन्न तरह की इन प्रजातियों के शोध को बढ़ावा देने के साथ ही भविष्य में इसे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का जरिया भी बनाया जाएगा।