रामपुर तिराहा गोलीकांड की 30वीं बरसी आज, सीएम धामी ने शहीद आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि

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रामपुर तिराहा गोलीकांड की आज 30वीं बरसी है। सीएम धामी सुबह-सुबह देहरादून स्थित शहीद स्थल कचहरी पहुंचे और शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा कि जिनके बलिदान और संघर्ष से ये राज्य हमें मिला है उन्हें शत्-शत् नमन है।
मुख्यमंत्री धामी ने रामपुर तिराहा गोलीकांड की 30वीं बरसी पर देहरादून स्थित शहीद स्थल कचहरी में उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों की वीरता और साहसपूर्ण जीवन गाथा हमें सदैव राज्य की सेवा हेतु प्रेरित करती रहेगी।

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सात आंदोलनकारी हुए थे शहीद, एक आज भी लापता
बता दें कि दो अक्टूबर सन 1994 की रात अलग राज्य निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे लोगों को रामपुर तिराहे पर रोका गया था। यहां निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाई गई और महिलाओं की आबरू लूटी गई थी। रामपुर तिराहा कांड में पुलिस फायरिंग और लाठीचार्ज में देहरादून के नेहरू कॉलोनी निवासी रविंद्र रावत उर्फ गोलू, भाववाला निवासी सतेन्द्र चौहान, बदरीपुर निवासी गिरीश भदरी, अजब पुर निवासी राजेश लखेडा, ऋषिकेश निवासी सूर्य प्रकाश थपलियाल तथा ऊखीमठ रुद्रप्रयाग निवासी अशोक शहीद हुए थे।

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घटनास्थल पर घायल शिमला बाइपास निवासी बलवंत सिंह जगवाण ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया था। भानियावाला निवासी राजेश नेगी इस घटना के बाद लापता हुए जो आज भी लापता हैं। छह सालों तक चले लंबे आंदोलन के बाद उत्तराखंड तो बन गया। लेकिन दो अक्टूबर 1994 को हुए इस गोलीकांड को याद कर आज भी हर किसी की आंखें भर आती हैं

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