पिछले कुछ महीने में फास्टैक खाता खत्म होने के वजह से रोडवेज को दोगुना टोल चुकाने का मामला काफी सुर्खियों में रहा है। आला अधिकारी इसे पेटीएम सर्वर में दिक्कत की बात कहते रहे तो तमाम यूनियनों ने इसे लापरवाही करार दिया और घाटे की रकम संबंधित अधिकारी के वेतन से वसूलने की बात कही। दोगुना टोल देने का अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं और अपने कर्मचारियों को वेतन देने में जूझ रहे रोडवेज को लाखों का नुकसान हुआ है। हालांकि अधिकारी इस बात पर अड़े हैं कि टोल के लिए पेटीएम का खाता अलग से है ।पिछले जो भुगतान उत्तराखंड रोडवेज ने किया है, उसका रिकॉर्ड पेटीएम कंपनी से मंगवाया गया है। कंपनी से यह धनराशि वसूली जाएगी।
इसके अलावा अब रोडवेज में डीजल चोरी भी रुक पाएगी। रोडवेज की मानें तो बाहर से डीजल नहीं लिया जाएगा। इंडियन आयल के लिए बैलेंस की जो परेशानी आ रही थी, उसे दूर कर लिया गया है। बस पर डयूटी न लगने की वजह से दैनिक वेतन भोगी चालक एवं परिचालक को नियमानुसार भुगतान के लिए शासन को आख्या भेजी जाएगी। बता दें कि हल्द्वानी समेत अन्य जगहों पर रोडवेज यूनियनों ने कुछ मांगों पर अड़े तो और पूरा नहीं होने पर आंदोलन करने की धमकी भी विभाग को दी थी।