उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग देहरादून द्वारा कुमाऊ के चार जिलों की सुनवाई के दौरान 46 मामलों की सुनवाई नगर निगम कार्यालय हल्द्वानी में की

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उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग देहरादून द्वारा कुमाऊ के चार जिलों की सुनवाई के दौरान 46 मामलों की सुनवाई नगर निगम कार्यालय हल्द्वानी में की गई जिसमें भूमि से संबंधित पन्द्रह मामले, उत्पीड़न से संबंधित दस मामले, शिक्षा से संबंधित सात मामले, मृतक आश्रित से दो मामले, पेयजल से संबंधित दो मामले,आउट सोर्स में आरक्षण से संबंधित पांच मामले, रोजगार पुनः नियुक्ती दिलाने जानने संबंधित दो मामले, भोजन माता रखने संबंधित दो मामले, जिला पंचायत में नियुक्ति दो शिकायतें, एक पेंशन संबंधित प्रकरण पर सुनवाई की गई। सर्वाधिक पिथौरागढ़ व चंपावत जिले के राजस्व मामलों में अनियमितता देखी गई जिसमें उपजिलाधिकारी पिथौरागढ़ तथा उप जिलाधिकारी चंपावत के द्वारा बिना कारण बताए सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने पर आयोग द्वारा गंभीरता से लिया गया। संबंधित अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर आयोग में स्वयं उपस्थित होकर अनुपस्थिति का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। और चंपावत जिले के अधिकारियों के द्वारा आयोग आयोग के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लेने पर कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली की चेतावनी दी गई।रामनगर के मोहान विद्यालय में प्रधानाध्यापक द्वारा नियम के विरुद्ध भोजन माता की नियुक्ति को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये गए। प्रधानाध्यापक द्वारा अपने कर्तव्य का संवैधानिक तौर पर अनुपालन ना किए जाने तथा उच्च शिक्षा अधिकारी रामनगर द्वारा मामले में नियमानुसार त्वरित कार्यवाही नहीं किए जाने पर 10 दिनों के भीतर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। तथा बागेश्वर जिले के गिरीश चंद्र के परिवार को पेयजल उपलब्ध करने हेतु जल निगम बागेश्वर को निर्देश दिए गए हैं। वही राजस्व विभाग में अवैध भूमि खरीद-फरोख्त नियम विरुद्ध अनुसूचित जाति के व्यक्ति नरेंद्र कुमार के पिताजी के नाम दर्ज भूमि को सामान्य वर्ग के लोगो को विक्री किए जाने व नियम विरुद्ध रजिस्ट्री किए जाने पर उपजिला अधिकारी नैनीताल को 1 सप्ताह के अंदर रजिस्ट्री के जांच वह भूमि की पैमाइश कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। पिथौरागढ़ जिले के जिलाधिकारी द्वारा वर्ष 2016 में अनुसूचित जाति परिवार के जमीन को सामान्य जाति के व्यक्ति के नाम निर्गत करने में आदेश पारित कर दिए गए थे जिसपर ग्राम सो़ड लेख के फकीर राम पूर्व प्रधान द्वारा आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की गई है कि अनुसूचित जाति परिवार को बेदखल करने के लिए षड्यंत्र के तहत गलत आदेश पारित किया गया है आयोग द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को रजिस्ट्री के वैधानिकता परखते हुए। आयोग में अग्रिम निर्णय तक दाखिल खारिज ना करने के निर्देश दिए गए ।
नैनीताल जिले की कैंची ग्राम में वर्ष 1975 से काबिज़ भूतपूर्व सैनिक पुरन राम की जमीन जिस पर फलदार वृक्ष भी लगे हुए हैं वह बिना परीक्षण किए कार पार्किंग बनाए जाने के लिए पर्यटन विभाग के नाम भूमि स्थानांतरण के प्रपत्र तैयार कर दिए गए हैं उक्त शिकायत को आयोग द्वारा गंभीरता से लेते हुए अनु.जाति के भूतपूर्व सैनिक को बिना विश्वास में लेकर एक तरफा कार्यवाही करने के सम्बन्ध में एक सप्ताह के भीतर तहसीलदार कोशियाकुटोली नैनीताल को विस्तृत आख्या के साथ पूरी रिपोर्ट को आयोग में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।साथ ही मामले के पूर्णतया निस्तारित हो जाने तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए गए।
मृतक आश्रित योगेश कुमार को नियुक्ति देने के लिए प्रवक अधीक्षक डाक विभाग नैनीताल को एक माह के अंदर नियमानुसार नियुक्ति देते हुए। आयोग को सूचित करने की निर्देश दिए

इस दौरान उपाध्यक्ष ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों से अनुसूचित जाति आयोग संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित करने के लिए उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया हर दबे-कुचले परिवार के समस्याओं को लेकर आयोग सतर्क और चौकन्ना रहता है जिसमें अनु जाति समाज के व्यक्तियों के विरुद्ध अन्याय, उत्पीड़न, होने पर कठोर कदम उठाता है जिससे हर पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाने हेतु कटिबद्ध रहता है।तीन दिवसीय आयोग के सुनवाई के दौरान उपाध्यक्ष के साथ ही विधि सलाहकार देव सिंह और कनिष्ठ सहायक मनीष सेमवाल,तहसीलदार संजय कुमार सहायक समाज कल्याण अधिकारी राहुल आर्य,नरेश कुमार ,योगेंद्र रावत दयाल चंद्र तथा विभागीय अधिकारी व समस्त शिकायतकर्ता मौजूद रहे।

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