उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के बाद युवाओं को ईमानदारी, समझदारी और लगन से बिना शार्ट कट देशसेवा करने को कहा है। उच्च न्यायालय में वरिष्ठ न्यायाधीश मंनोज तिवारी, न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी, न्यायमूर्ति शरद शर्मा, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने भी राष्ट्रगान में भाग लिया।
नैनीताल स्थित उच्च न्यायलय में राष्ट्र के 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान पुलिस की टुकड़ी ने सलामी दी। सवेरे 9 बजे ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रगान हुआ। इस मौके पर महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर, रजिस्ट्रार जर्नल अनुज कुमार संघल, चीफ स्टैंडिंग काउंसिल चंद्रशेखर रावत, अध्यक्ष बार एसोशिएशन डी.सी.एस.रावत, अधिवक्ता सय्यद नदीम ‘मून’, आलोक मेहरा, मंनोज साह, कुर्बान अली, गौरव अधिकारी, श्रुति समेत सैकड़ों अधिवक्ता और कोर्ट स्टाफ मौजूद थे।
मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी ने इस बात को समझना चाहिए कि बड़े संघर्ष और बलिदान के बाद हमें देश मिला है। आज के युवाओं को आजादी का महत्व समझना चाहिए। ऐसा न हो कि हम अपनी आजादी को लेकर कोई समझौते के लिए मजबूर हो जाएं।
सी.जे.ने कहा की पिछले कुछ वर्षों में बहुत बड़ा बदलाव आया है, क्योंकि 15 अगस्त और 26 जनवरी को लोग पहले से बहुत ज्यादा जोशों खरोश से मनाने लगे हैं। उन्होंने युवाओं को ईमानदारी, समझदारी और लगन से बिना शार्ट कट के देशसेवा करने को कहा।